चाह कर भी कामरान आफताब अपने पैतृक गांव नहीं जा सका, क्योंकि LoC की दीवारें मानवीयता से हो गई थीं ऊंची 

By सुरेश डुग्गर | Published: February 4, 2019 07:58 PM2019-02-04T19:58:30+5:302019-02-04T19:58:30+5:30

Jammu And Kashmir: 21 वर्षीय कामरान आफताब ने पुंछ जिले में गलोटा बेहरोट में अपनी दादी, चाचा और अन्य रिश्तेदारों से मिलने और उस गांव में जाने के लिए 28 जनवरी को शांति बस अर्थ राहे मिलन के माध्यम से उस कश्मीर से इस कश्मीर आने की यात्रा की थी।

jammu and kashmir: 20 Years Old Kamran Aftab Was Stopped From Crossing LoC to Meet His Family | चाह कर भी कामरान आफताब अपने पैतृक गांव नहीं जा सका, क्योंकि LoC की दीवारें मानवीयता से हो गई थीं ऊंची 

चाह कर भी कामरान आफताब अपने पैतृक गांव नहीं जा सका, क्योंकि LoC की दीवारें मानवीयता से हो गई थीं ऊंची 

उस कश्मीर से अपनी दादी और अन्य रिश्तेदारों से मिलने के लिए राहे मिलन का सफर करने वाले 21 वर्षीय कामरान आफताब को एलओसी ने एक बार फिर इसलिए बांट दिया क्योंकि अनुमति के बावजूद उसे तारबंदी के पीछे छूट चुके अपने पैतृक गांव जाने की अनुमति सेना की ओर से नहीं दी गई। हालांकि आफताब को प्रशासन की ओर से अनुमति इसलिए मिली थी क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों ने उसे क्लीन चिट दी थी।

21 वर्षीय कामरान आफताब ने पुंछ जिले में गलोटा बेहरोट में अपनी दादी, चाचा और अन्य रिश्तेदारों से मिलने और उस गांव में जाने के लिए 28 जनवरी को शांति बस अर्थ राहे मिलन के माध्यम से उस कश्मीर से इस कश्मीर आने की यात्रा की थी।

हालांकि, सेना ने उन्हें एलओसी की बाड़ से आगे स्थित एक गाँव गालोटा बहरोट की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी। दरअसल तारबंदी के पार छूट चुके गांवों में जाने के लिए सेना द्वारा संचालित फाटकों को पार करने के लिए सेना की अनुमति आवश्यक होती है। आफताब को पुंछ में 25 फरवरी तक रहने की वैध अनुमति मिली थी। 

उसे अपने घर जाने के लिए डिप्टी कमिश्नर पुंछ की ओर से अनापत्ति पत्र भी दिया गया था। पर इस पत्र के बावजूद वह अपने उस घर को नहीं देख पाया जहां उसका बचपन गुजरा था। उसने सेनाधिकारियों से मिन्नते भी की की उसे अपने पैतृक घर जाने की अनुमति दे ताकि वह अपनी दादी और अन्य रिश्तेदारों से मिल सके। पर एलओसी की दीवारें मानवीयता की दीवार के आडे़ आ ही गई।

निराश होकर कामरान सोमवार को तड़के उस कश्मीर स्थित कोटली जिले के बांदी स्थित अपने में घर के लिए रवाना हो गया। जब वह वापसी के लिए चक्कां-दा-बाग में राहे मिलने पर सवार हो रहा था तो उसके रिश्तेदार उसे गले लगा कर फूट फूट कर रो रहे थे। हालांकि उसकी दादी और अन्य रिश्तेदार उससे मिलने तारबंदी को पार कर चक्कां-दा-बाग पहुंचे थे।

वैसे यह कोई अकेला मामला नहीं है जिसमें उस कश्मीर का कोई वाशिंदा इतने करीब आकर भी अपने पैतृक घर पर नहीं जा सका। पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके हैं जिसमें एलओसी और तारबंदी मानवीयता के आडे़ आई थी।

हालांकि अभी तक बाबूगिरी के कारण ही कश्मीर के दोनों हिस्सों के लोग अपने बिछुड़े हुए रिश्तेदारों से नहीं मिल पा रहे थे जिसमें अब ऐसे अड़ियलपन का अध्याय भी जुड़ गया है।

Web Title: jammu and kashmir: 20 Years Old Kamran Aftab Was Stopped From Crossing LoC to Meet His Family

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे