जम्मू-कश्मीर: राजौरी और पुंछ में बीते 18 महीनों में पांच बड़े आतंकी हमले, 19 सैनिक समेत 7 नागरिकों की हुई मौत

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 21, 2023 16:01 IST2023-04-21T15:57:22+5:302023-04-21T16:01:27+5:30

जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ में पिछले 18 महीनों में हुए एक के बाद एक पांच बड़े आतंकी हमलों में 19 सैनिकों समेत 7 हिन्दुओं की मौत हो चुकी हैं और इन सभी घटनाओं में शामिल आतंकी फिलहाल गिरफ्त से बाहर हैं।

Jammu and Kashmir: 19 soldiers and 7 Hindus killed in five major terror attacks in 18 months | जम्मू-कश्मीर: राजौरी और पुंछ में बीते 18 महीनों में पांच बड़े आतंकी हमले, 19 सैनिक समेत 7 नागरिकों की हुई मौत

फाइल फोटो

Highlightsआतंकी हिसा के मामले में राजौरी और पुंछ अब कश्मीर को पीछे छोड़ते जा रहे हैंयहां बीते 18 महीनों में एक के बाद एक पांच बड़े आतंकी हमले और आधा दर्जन बम धमाके हुएइन आतंकी हमले में 19 सैनिकों समेत 7 हिन्दुओं की मौत हो चुकी हैं, हमलावर आतंकी गिरफ्त से बाहर हैं

जम्मू: भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जुड़वा जिले राजौरी और पुंछ दूसरा कश्मीर बन गए हैं। दोनों जिलों में पिछले 18 महीनों में एक के बाद एक कुल पांच बड़े आतंकी हमलों और आधा दर्जन बम धमाके हुए, जिसमें 19 सैनिकों समेत 7 हिन्दुओं की हत्याएं हो चुकी हैं। इन सभी घटनाओं में शामिल सभी आतंकी फिलहाल गिरफ्त से बाहर हैं।

इन्हीं पांच भयानक हमलों में कल का हमला सबसे भयानक माना जा सकता है, जिसमें राष्ट्रीय रायफल्स के पांच जवान इसलिए जिन्दा जल गए क्योंकि आतंकियों ने पहली बार उत्तर-पूर्व में सक्रिय आतंकियों द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीति को अपनाते हुए सैन्य वाहन को चारों ओर से घेर कर हमला बोला था। जिस कारण आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे इन जवानों को जवाबी कार्रवाई का मौका ही नहीं मिल पाया।

इस संबंध में सेना प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि कल के हमले में आतंकियों की संख्या कम से कम 4 थी, जिसमें से दो ने वाहन को रोक कर हथगोले दागे थे। वहीं दूसरे ने जवानों पर गोलियां बरसाई थीं जबकि तीसरे ने पेट्रोल टैंक को निशाना बना गोलियां दागीं ताकि सेना के वाहन में आग लग जाए। इसके नतीजतन पांच जवानों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

राजौरी व पुंछ के एलओसी से सटे इन जुड़वा जिलों में यह कोई पहला आतंकी हमला नहीं था। इससे पहले पांच अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के बाद आतंकियों ने कश्मीर से इन जुड़वा जिलों की ओर रूख करते हुए पहले सुरनकोट के चमरेर इलाके में 11 अक्तूबर 2020 को पांच सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।

इस हमले के पांच दिनों के बाद इसी आतंकी गुट ने पुंछ के भट्टा दुराईं इलाके में सैनिकों पर एक और घात लगा कर हमला किया जिसमें 4 सैनिक शहीद हो गए। दोनों हमलों में शहीद होने वालों में दो सैनिक अधिकारी भी शामिल थे। करीब 10 महीनों की शांति के उपरांत आतंकियों ने फिर से राजौरी के दरहाल में सैनिकों पर हमला बोला तो पांच जवान शहीद हो गए।

हालांकि सेना अभी तक इन हमलों में शामिल आतंकियों को न ही पकड़ पाई है और न मार गिराया जा सका है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह एक ही गुट का काम था। जिसने फिर से इस साल के पहले महीने की पहली तारीख को ढांगरी में 7 हिन्दुओं को मौत के घाट उतार दिया था।

ऐसा भी नहीं है कि आतंकियों ने इन 18 महीनों में सिर्फ इन हमलों से ही अपनी उपस्थिति दर्शाई हो बल्कि वे इस साल के पिछले 2 महीनों के भीतर करीब आधा दर्जन बम विस्फोट कर दोनों ही जिलों को दहला चुके हैं। यह भी सच है कि 18 महीनों से आतंकी हाथ नहीं आए हैं जिनकी तलाश को कल से सैंकड़ों सैनिकों को उतारा गया है। जबकि यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि 16 अक्टूबर 2021 को भट्टा दुर्राइं में ही 15 दिनों तक आतंकी सैनिकों को छकाते रहे हैं।

Web Title: Jammu and Kashmir: 19 soldiers and 7 Hindus killed in five major terror attacks in 18 months

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