पहले चरण में जम्मू तथा बारामूला के दो संसदीय क्षेत्रों में किस्मत आजामा रहे 33 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 33 लाख मतदाता करेंगें। दोनों ही संसदीय क्षेत्रों में सुचारू मतदान के लिए दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में 4489 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। जम्मू संसदीय क्षेत्र में, 24 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि बारामूला में 9 उम्मीदवार सीट के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में 3365037 पंजीकृत मतदाता हैं जिनमें 1716933 पुरुष और 1600897 महिला मतदाता हैं। इसी तरह, 47155 सेवा मतदाता हैं, जिनमें से 46652 पुरुष और 503 महिलाएं हैं। इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में, 52 मतदाता ट्रांसजेंडर के रूप में पंजीकृत हैं।
जम्मू संसदीय क्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र चार जिलों में 20 विधानसभा क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिनमें जम्मू, सांबा, पुंछ और राजौरी शामिल हैं। संसदीय सीट पर कुल 2047299 मतदाता हैं। मतदाताओं में 1040876 पुरुष और 964838 महिला मतदाता हैं। इस संसदीय क्षेत्र में चुनाव के सुचारू संचालन के लिए, अधिकारियों ने 2740 मतदान केंद्र बनाए हैं।
मैदान में उतरे उम्मीदवारों में मुख्य उम्मीदवारों में भाजपा के जुगल किशोर, कांग्रेस के रमन भल्ला, डोगरा स्वाभिमान संगठन के लाल सिंह हैं जिनके बीच कड़ा मुकाबला है। 2014 के आम चुनावों में निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1848155 थी जबकि 2019 के चुनावों में यह बढ़कर 2047299 हो गई है।
इसी तरह से बारामूला संसदीय क्षेत्र में 9 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें कांग्रेस के हाजी फारूक अहमद मीर, भाजपा के मोहम्मद मकबूल वार, पीडीपी के अब्दुल कयूम वानी, नेकां के मोहम्मद अकबर लोन, जेकेपीसी के रजा़ एजाज अली शामिल हैं। इस सीट पर नेकां और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली मुकाबला है।
यह निर्वाचन क्षेत्र उत्तरी कश्मीर के तीन जिलों में 15 विधानसभा क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिनमें कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपोरा शामिल हैं। संसदीय सीट में कुल 1317738 मतदाता हैं। संसदीय क्षेत्र में निर्वाचन आयोग ने 1749 मतदान केंद्रों की स्थापना की है।
बारामूला तथा जम्मू संसदीय क्षेत्रों के बहुतेरे पोलिंग बूथ एलओसी तथा पाकिस्तान के बार्डर के साथ सटे हुए हैं और चुनाव आयोग एलओसी पर बढ़ती पाक गोलाबारी के कारण मतदान को लेकर चिंतित जरूर है। अधिकारियों के मुताबिक, गोलाबारी की सूरत में आपात योजनाएं भी तैयार रखी गई हैं।