नई दिल्ली: अडानी मामले को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है। अडानी मामले पर सदन में राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंश हटाए जाने से नाराज कांग्रेस की तरफ से मंगलवार को प्रेस कांफ्रेस की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मीडिया प्रभारी जयराम नरेश ने केंद्र सरकार पर बड़े आरोप लगाए।
जयराम रमेश ने कहा, "हमें धमकी दी जा रही है कि जो कुछ भी आप संसद के अंदर बोलेंगे वह हटा दिया जाएगा। हमें धमकियां दी जा रही है कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो संसद से सस्पेंड कर दिए जाएंगे। ऐसी धमकी देने वाले झारखंड के एक सांसद हैं, जिनके क्षेत्र में अडानी का पॉवर प्लांट है।"
जयराम नरेश का इशारा भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे की तरफ था। निशिकांत दूबे झारखंड के गोड्डा से सांसद हैं और उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पीएम मोदी पर अडानी मामले पर की गई टिप्पणी के बाद दिया गया है।
जयराम रमेश ने आगे कहा, "यहां हम अडानी के मामले में जेपीसी की मांग कर रहे हैं और वहां सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी हुई है। 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि'। गृहमंत्री ने कहा कि अडानी मामले में सरकार के पास कुछ छिपाने के लिए नहीं है। अगर कुछ छिपाने के लिए नहीं है तो जेपीसी की मांग से क्यों भाग रहे हैं? हमें संसद में इस बात का जिक्र करने भी नहीं देते हैं।"
बता दें कि अडानी मामले को लेकर देश की संसद में भी खूब हंगामा हो चुका है। वित्तीय शोध करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी 2023 को अदाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि अडाणी समूह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है
इस रिपोर्ट के आने के बाद संसद तक तक हंगामा हुआ। विपक्ष ने भी अदाणी समूह पर जांच की भी मांग की। विपक्ष का कहना है कि अडाणी समूह को सरकार ने फायदा पहुंचाने के लिए बिना जांच के बैंको से लोन दिलाने में मदद की। विपक्ष का कहना है कि बैंको के पैसे और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के अडाणी समूह में निवेश किए गए पैसों का अब डूबने का खतरा है।