बिहार में कांग्रेस के अंतिम मुख्यमंत्री साबित हुए डा. जगन्नाथ मिश्रा, उनके पार्टी छोड़ते ही शुरू हो गया पतन
By एस पी सिन्हा | Published: August 19, 2019 04:27 PM2019-08-19T16:27:51+5:302019-08-19T16:27:51+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि डा. जगन्नाथ मिश्रा प्रख्यात राजनेता एवं शिक्षाविद थे. बिहार के साथ-साथ देश की राजनीति में उनका बहुमूल्य योगदान रहा है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा का आज इलाज के दौरान दिल्ली में निधन हो गया. 82 साल के जगन्नाथ काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. जगन्नाथ तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उनको बिहार की राजनीति का कद्दावर नेता माना जाता था. डा. जगन्नाथ मिश्रा के निधन की जानकारी मिलते ही बिहार के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है.
डा. जगन्नाथ मिश्रा ने अपने कैरियर की शुरुआत बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर की थी. कहा जाता है कि जगन्नाथ की बचपन से ही राजनीति में रुचि थी. राजनीति उनको विरासत में मिली थी यही कारण है कि वह तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. डा. जगन्नाथ मिश्रा के बड़े भाई ललित नारायण मिश्रा राजनीति में थे और रेल मंत्री भी रहे.
डा. जगन्नाथ मिश्रा नौकरी में रहने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे. पार्टी में प्रवेश के बाद उनकी गिनती इंडियन नेशनल कांग्रेस के सबसे सक्रिय नेताओं में होने लगी. वह पहली बार 1975 में और दूसरी बार वर्ष 1980 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. वह आखिरी बार साल 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहने के अलावा 90 के दशक में डा. जगन्नाथ केंद्र की राजनीति में भी सक्रिय रहे और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी बने.
डा. जगन्नाथ का नाम बिहार के बडे नेताओं खास कर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में लिया जाता है. कहा जाता है कि उनके कांग्रेस छोडने के बाद ही बिहार में कांग्रेस पार्टी के पतन की शुरुआत हो गई. कांग्रेस छोडने के बाद वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. डा. जगन्नाथ मिश्रा का जन्म सुपौल जिले के बलुआ बाजार में 24 जून, 1937 में हुआ था.
चारा घोटाला की शुरुआत डा. जगन्नाथ मिश्रा के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ही हो चुकी थी. हालांकि, मामले का खुलासा उस समय हुआ जब 1990 के दशक में लालू यादव मुख्यमंत्री थे. डा. जगन्नाथ मिश्रा पर आरोप था कि इन्होंने दुमका और डोरंडा निधि से धोखाधड़ी कर रुपये निकाले. सीबीआई अदालत ने डा. मिश्रा को चार साल की सजा सुनाई. साथ ही दो लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया गया था. डा. जगन्नाथ मिश्रा को 30 सितंबर 2013 को चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था. हालांकि, इस मामले में उनको स्वास्थ्य कारणों से बेल मिल गया था. उनके जेल से बाहर आने के बाद कई तरह के सवाल भी उठे थे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि डा. जगन्नाथ मिश्रा प्रख्यात राजनेता एवं शिक्षाविद थे. बिहार के साथ-साथ देश की राजनीति में उनका बहुमूल्य योगदान रहा है. उनके निधन से बिहार के साथ-साथ पूरे देश की राजनीतिक, सामाजिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर-शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.