पणजी, 28 मई गोवा सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ उपचार के लिए आइवरमैक्टिन दवाओं के वितरण के अपने विवादास्पद फैसले का शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में बचाव किया।
सरकार ने दावा किया कि कई देशों में हुए अध्ययनों में यह दवा प्रभावी साबित हुई है।
राज्य सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 के खिलाफ एहतियात के तौर पर इस्तेमाल के लिए सभी वयस्क नागरिकों को यह दवा बांटी थी। इसका उपयोग परजीवी (पेट के कीड़ों के) संक्रमण में किया जाता है।
संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) विकास गौणेकर ने एक हलफनामे में कहा कि विभिन्न देशों में हुए अलग-अलग अध्ययनों में सामने आया है कि यह दवा कोविड रोगियों के उपचार या उनमें रोग की रोकथाम के लिए सकारात्मक प्रभाव वाली साबित हुई है।
बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ महामारी पर राज्य सरकार के कदमों के संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। एक याचिकाकर्ता ने आइवरमैक्टिन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसके इस्तेमाल की स्वीकृति नहीं दी है।
न्यायमूर्ति एस सी गुप्ता ने शुक्रवार को दलीलें सुनीं।
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