नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल करना और कार्यकर्ताओं की राय से अलग बात करना चिंताजनक: खुर्शीद

By भाषा | Updated: October 1, 2021 19:36 IST2021-10-01T19:36:54+5:302021-10-01T19:36:54+5:30

It is worrying to question the working style of the leadership and talk out of the opinion of the workers: Khurshid | नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल करना और कार्यकर्ताओं की राय से अलग बात करना चिंताजनक: खुर्शीद

नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल करना और कार्यकर्ताओं की राय से अलग बात करना चिंताजनक: खुर्शीद

नयी दिल्ली, एक अक्तूबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने पार्टी के भीतर ‘सार्थक संवाद की कमी’ को लेकर पी चिदंबरम की ओर से खुद को असहाय महसूस करने संबंधी उनके बयान को लेकर शुक्रवार को कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने जिन चर्चाओं की बात की है, उसकी अगुवाई शायद उन्होंने ही की होगी।

उन्होंने कपिल सिब्बल के हालिया बयान को लेकर ‘जी 23’ समूह के नेताओं पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि समय की कसौटी पर खरे उतरे नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल खड़े करना और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की लोकप्रिय राय से अलग-थलग बात करना ‘बहुत चिंताजनक’’ है।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में आरंभ हुई नयी कलह के बीच खुर्शीद ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘पंजाब में नया मुख्यमंत्री बनाये जाने से हमने उम्मीद की एक किरण देखी तो इस बीच चीजें नियंत्रण से बाहर चली गईं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि पार्टी के हित में मतभेद सुलझ जाएंगे क्योंकि पार्टी को (पंजाब) में फिर से जीत हासिल करनी है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने सिब्बल के आवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन को लेकर अपनी राय जाहिर की।

इसमें उन्होंने चिदंबरम के उस ट्वीट को लेकर इशारों-इशारों में निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि वह खुद को आहत और असहाय महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आशा कर रहा था कि जिन चर्चाओं की बात उन्होंने की है, उनकी अगुवाई भी शायद चिदंबरम ने ही की होगी।’’

पूर्व कानून मंत्री ने कहा, ‘‘श्री चिदंबरम, निश्चित तौर पर बात करते हैं। सिर्फ बात नहीं करते हैं, बल्कि एक दूसरे से बात करते हैं।’’

चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर कहा था, ‘‘मैं असहाय महसूस करता हूं जब हम पार्टी के भीतर सार्थक संवाद आरंभ नहीं कर सकते। मैं उस वक्त भी आहत और असहाय महसूस करता हूं जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अपने एक साथी और सांसद के आवास के बाहर नारेबाजी किए जाने की तस्वीर देखता हूं। लगता है कि भलाई इसी में है कि व्यक्ति चुप्पी साध कर रखे।

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Web Title: It is worrying to question the working style of the leadership and talk out of the opinion of the workers: Khurshid

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