इतनी बड़ी आबादी के लिए विकास, स्वच्छ हवा, जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करना आसान नहीं: केंद्रीय मंत्री

By भाषा | Published: September 3, 2021 02:53 PM2021-09-03T14:53:59+5:302021-09-03T14:53:59+5:30

It is not easy to ensure development, clean air, climate action for such a large population: Union Minister | इतनी बड़ी आबादी के लिए विकास, स्वच्छ हवा, जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करना आसान नहीं: केंद्रीय मंत्री

इतनी बड़ी आबादी के लिए विकास, स्वच्छ हवा, जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करना आसान नहीं: केंद्रीय मंत्री

पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शुक्रवार को कहा कि भारत की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने की जरूरत है। इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में विकास, स्वच्छ हवा और जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करना आसान नहीं है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा यहां आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 2021 में ''भारत के हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को शक्ति प्रदान करना'' विषय पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ''भारत की जनसंख्या में वृद्धि हुई है और हमें इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है क्योंकि इतनी बड़ी आबादी वाले देश के लिए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए अपना विकास सुनिश्चित करना और सभी लोगों को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराना आसान नहीं है।'' उन्होंने कहा, "इतनी बड़ी आबादी को न केवल विकासशील देशों के लिए, बल्कि विकसित देशों के लिए भी संभालना मुश्किल है।" चौबे ने यह भी बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव शहर से बाहर की यात्रा पर है, लिहाजा वह कार्यक्रम में शरीक नहीं हो सके। उन्हें शिखर सम्मेलन में एक विशेष भाषण देना था। इस कार्यक्रम मुख्य वक्ता की सूची में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम था। आयोजकों ने ​​​​कहा था कि वह भौतिक रूप से कार्यक्रम में उपस्थित होकर भाषण देंगे। हालांकि कार्यक्रम के अंत में, केवल प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस भाषण चलाया गया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के बारे में बात की थी।कार्यक्रम में मोदी का संदेश साझा किया गया कि "हरित और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में भारत के दृढ़ प्रयास दुनिया में नया विश्वास पैदा करते हैं। राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। यह पूरी दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा के प्रति एक प्रेरणा के रूप में भी काम करेगा।'' इस कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी शामिल थे।पीएचडीसीआईआई ने कहा कि शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत को कार्बन मुक्त ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र की ओर ले जाना और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अहम हितधारी बनाना है।चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि देश जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम करके कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।उन्होंने एक अधिक टिकाऊ भविष्य के लिए संभावित ऊर्जा स्रोत के रूप में हरित हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ विकल्पों को अपनाने पर जोर देते हुए एक समेकित दृष्टिकोण और समय पर हस्तक्षेप के माध्यम से जलवायु चुनौतियों का समाधान करने पर जोर दिया।मंत्री ने कहा, "सरकार वायु प्रदूषण के बारे में प्रतिबद्ध और चिंतित है जिसके लिए हमने पहले ही एक आयोग बना दिया है। हम कम कार्बन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम कर रहे हैं। हम जलवायु परिवर्तन में हितधारकों से समाधान की दिशा में मिलकर काम करने का आग्रह करते हैं।

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