चंडीगढ़ , 20 मई: हरियाणा में नमाज पढ़ने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना कि खुले स्थानों पर मुसलमानों के नमाज अदा करने के मुद्दे का कुछ लोग राजनीतिकरण कर रहे हैं। खुली जगह में मुसलमानों के नमाज अदा करने का मामला राजनीतिक नहीं सामाजिक है और इस मुद्दे का कुछ लोगों द्वारा राजनीतिकरण किया जा रहा है और उसे गलत दिशा में ले जाया जा रहा है। किसी को भी धार्मिक भावनाएं आहत करने का हक नहीं है और ऐसे मामले शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से ही हल किया जा सकता है।
खट्टर ने कहा कि मुसलमानों समेत सभी समुदायों की जनसंख्या बढ़ रही है। प्रार्थना करने वालों की संख्या बढ़ने के साथ ही उपासना स्थलों की संख्या घट गयी है। गुड़गांव जिला प्रशासन ने ऐसे 37 जगहों की पहचान की है जहां मुसलमान नमाज अदा सकते हैं। इसके सिवा वे मस्जिद, ईदगाह और निजी स्थानों पर नमाज अदा कर सकते हैं।
इससे पहले सीएम मनोहरलाल खट्टर ने कहा था कि नमाज केवल मस्जिद या ईदगार में पढ़ी जानी चाहिए। हालांकि बाद में सीएम खट्टर ने सफाई देते हुए कहा कि उनके वो मतलब नहीं था। उन्होंने कहा था कि हमारा कहना है कि जो नमाज पढ़ने के स्थान हैं, नमाज पढ़नी ही चाहिए। नमाज मस्जिद में पढ़नी चाहिए, नमाज ईदगाह में पढ़नी चाहिए, और नमाज पढ़ने का उनका स्थान कम पड़ता है तो अपने निजी स्थान पर पढ़नी चाहिए। ये ऐसे विषय नहीं है जिनका सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन हो।
वहीं, हरियाणा के स्वास्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज ने नमाज को लेकर कहा था ओकैजनली अगर किसी को पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है, लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नियत से नमाज पढ़ना गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।
मुसलमानों द्वारा नमाज पढ़ने को लेकर ताजा विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ हिंदुत्ववादी गुटों ने पिछले दिनों गुरुग्राम में खुली जगह पर नमाज पढ़ने का विरोध किया था। इन गुटों का आरोप था कि जमीन पर कब्जा करने के लिए कुछ लोग खुली जगह पर नमाज पढ़ते हैं। इन गुटों ने मांग की थी कि खुली जगहों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगायी जाए। (खबर इनपुट-भाषा)