गुरुवार सुबह पांच बजकर 29 मिनट। इसरो के ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के 28 घंटे पहले ही उलटी गिनती शुरू हो गई। शुक्रवार सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर इसरो का खुद का बनाया 100वां सैटेलाइट उड़ान भरेगा। 12 जनवरी को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सैटेलाइट कार्टोसेट-2 समेत 31 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए जाएंगे। इनमें 3 स्वदेशी और 28 विदेशी सैटेलाइट हैं। इसरो के डायरेक्टर एम अन्नादुरै ने पत्रकारों से कहा, "जैसे ही मिशन का आखिरी सैटेलाइट पीएसएलवी-सी20 से अलग होकर अपने ऑर्बिट में जाएगा यह हमारा 100वां सैटेलाइट होगा। इसके साथ ही हमारा पहला शतक पूरा हो जाएगा। हम इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।" केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी 100वें सैटेलाइट लॉन्च को ऐतिहासिक करार दिया है।
मिशन में खासः 15 बिंदु
1. 12 जनवरी को इसरो खुद का बनाया 100वां सैटेलाइट लॉन्च करेगा।
2. यह पीएसएलवी-सी40/ कार्टोसेट-2 श्रृंखला का सैटेलाइट है।
3. कार्टोसेट-2 एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जो उच्च-गुणवत्ता वाला चित्र प्रदान करने में सक्षम है।
4. इसका इस्तेमाल शहरी व ग्रामीण नियोजन, तटीय भूमि उपयोग, सड़क नेटवर्क की निगरानी आदि के लिए किया जा सकेगा।
5. युवा दिवस के मौके पर एक साथ 31 सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे इनमें 28 विदेशी और 3 देसी हैं।
6. इस मिशन में कार्टोसेट-2 के अलावा भारत का एक नैनो उपग्रह और एक माइक्रो उपग्रह भी लॉन्च किया जाएगा।
7. सभी सैटेलाइट को लांच करने की व्यवस्था इसरो और उसकी व्यवसायिक शाखा अंतरिक्ष कारपोरेशन लिमिटेड ने संभाली है।
8. इससे पहले इसरो ने एकसाथ 104 सैटेलाइट लॉन्च कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।
9. इस मिशन में पीएसएलवी-सी40 कुल 1323 किलोग्राम वजन के सैटेलाइट्स ले जाएगा।
10. इनमें कार्टोसेट-2 का वजन 710 किलो का है, बाकी 30 सैटेलाइट का वजन 613 किलोग्राम है।
11. पीएसएलवी-सी40/ कार्टोसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह मिशन की उलटी गिनती 28 घंटे पहले ही शुरू हो गई थी।
12. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से इस 44.4 मीटर लंबे रॉकेट को प्रक्षेपित किया जाएगा।
-13. भारत के साथ कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, यूके और यूएसए के सैटेलाइट भी लॉन्च किए जाएंगे।
14. इसरो के अधिकारियों के मुताबिक 30 सैटेलाइट को 505 किलोमीटर की सूर्य की समकालीन कक्ष (एसएसओ) में प्रक्षेपित किया जाएगा। इस पूरे लांच में दो घंटे 21 सेकेंड का वक्त लगेगा।
15. 31 अगस्त को इसरो का लॉन्चिंग मिशन फेल हो गया था।