इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बढ़े विवाद के बीच आत्मकथा का प्रकाशन वापस लिया
By आकाश चौरसिया | Updated: November 6, 2023 15:34 IST2023-11-06T11:23:17+5:302023-11-06T15:34:09+5:30
यह निर्णय शनिवार को मलयाला मनोरमा की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया है, जिसमें पुस्तक के कुछ अंश प्रेसित किए गए थे। इसके तहत पूर्व इसरो प्रमुख के. सिवन में कुछ प्रमुख पदोन्नतियों में बाधा डाली होगी।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि वह अपनी आने वाली पुस्तक के मलयालम संस्करण को वापस लेने की बात कही है। सोमनाथ अपनी पुस्तक ('द लायंस दैट ड्रिंक द मूनलाइट') का मलयालम में अनुवाद कर 'निलावु कुदिचा सिम्हंगल' पब्लिश करने जा रहे थे। लेकिन, सामने आए विवाद के बीच उन्होंने यह निर्णय वापस ले लिया है।
यह निर्णय शनिवार को मलयाला मनोरमा की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया है, जिसमें पुस्तक के कुछ अंश को लेकर विवाद पैदा हो गया था। इस अंश में यह बात सामने आई थी कि पूर्व इसरो प्रमुख के. सिवन ने उनकी पदोन्नतियों में बाधा डाली थी।
'द हिंदू' से कहा इसरो अध्यक्ष पद पर तैनाती बड़ा कदम
सोमनाथ ने 'द हिंदू' से बात करते हुए कहा, कुछ गलत व्याख्या की गई है। मैंने कभी यह नहीं कहा कि डॉ. सिवन ने मुझे अध्यक्ष बनने से रोकने की कोशिश की। मैंने बस इतना कहा कि अंतरिक्ष आयोग का सदस्य बनाया जाना आम तौर पर इसरो की अध्यक्ष पद पर तैनाती के लिए एक कदम के रूप में देखा जाता है। हालांकि, स्वाभाविक रूप से मेरी संभावनाएं अध्यक्ष के पद पर तैनात होने की कम हो गई थी।
उन्होंने कहा कि दूसरा यहा कि अभी पुस्तक आधिकारिक तौर पर रिलीज नहीं हुई है। अभी सिर्फ उनके पब्लिशर ने कुछ ही कॉपी रिलीज की, लेकिन इस विवाद के बाद, उन्होंने कहा कि अब निर्णय ये लिया कि अब इसके पब्लिकेशन को वापस ले रहे हैं।
वहीं, कोझिकोड स्थित प्रकाशक लिपि बुक्स के एक प्रवक्ता ने द हिंदू से पुष्टि की कि वह प्रकाशन वापस ले रहा है। सोमनाथ ने वापस लेने का उद्देश्य कहा कि इस पुस्तक को लाने के पीछे प्रेरणादायक कहानी का बखान करना था। वहीं, निजी तौर पर जब से अंतरिक्ष वैज्ञानिक बने हैं तब से सोमनाथ चुनौती का सामना करते रहे हैं वर्तमान में इसरो प्रमुख।