कश्मीर में एक्टिव हैंडलरों को आईएसआई का संदेश- ड्रग्स बेचो और काम करो

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: November 10, 2022 15:29 IST2022-11-10T15:28:36+5:302022-11-10T15:29:58+5:30

अभी तक यही होता आया था कि एलओसी पार करने वाले आतंकी, हवाला में शामिल आप्रेटिव तथा नेपाल के रास्ते आने वाले आतंकी समर्थक भारी भारतीय करेंसी लेकर आते थे। कई बार इसमें नकली नोट भी होते थे जिन्हें भारतीय बाजारों में आसानी से खपा दिया जाता था।

ISI's message to active handlers in Kashmir sell drugs and work | कश्मीर में एक्टिव हैंडलरों को आईएसआई का संदेश- ड्रग्स बेचो और काम करो

कश्मीर में एक्टिव हैंडलरों को आईएसआई का संदेश- ड्रग्स बेचो और काम करो

Highlightsअधिकारियों पर विश्वास करें तो पिछले दो सालों के अरसे में 230 ड्रोन को मार गिराया गया और 188 वापस भाग गए।इनमें जम्मू कश्मीर और पंजाब की सीमाओं पर नजर आने वाले ड्रोन का आंकड़ा शामिल है।अधिकारी कहते हैं कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें ड्रोन मादक पदार्थ और हथियार गिराने में कामयाब रहे और वे सुरक्षाबलों के हाथ नहीं आए।

जम्मू: कश्मीर में सक्रिय सैंकड़ों ओवर ग्राउंड वर्करों और आतंकियों के लिए ‘वेतन’ का प्रबंध उनके हैंडलरों व हाइब्रिड आतंकियों द्वारा उस पार से भिजवाए जाने वाले ड्रग्स की खेपों से किया जा रहा है। अधिकारियों ने इसे माना है कि उस पार से पाकिस्तानी सेना की सहायता से आईएसआई ड्रोन की मदद से न सिर्फ हथियारों व गोला बारूद की आपूर्ति कर रही है बल्कि ड्रग्स भी बड़ी मात्रा में भिजवा रही है। 

यह ड्रग्स आतंकियों, ओवर ग्राउंड वर्करों तथा हाइब्रिड आतंकियों के लिए बतौर वेतन दिया जा रहा है जिसे बाजार में बेच कर वे पैसा कमा कर इसे आपस में बांट रहे हैं। इसकी पुष्टि जांच एजेंसी एनआईए द्वारा भी की गई है जिसके द्वारा कई मामलों में इसे पाया गया है कि उस पार से भिजवाई गई ड्रग्स को बेच कर आतंकियों व उनके सहयोगियों को वेतन दिया गया है।

अभी तक यही होता आया था कि एलओसी पार करने वाले आतंकी, हवाला में शामिल आप्रेटिव तथा नेपाल के रास्ते आने वाले आतंकी समर्थक भारी भारतीय करेंसी लेकर आते थे। कई बार इसमें नकली नोट भी होते थे जिन्हें भारतीय बाजारों में आसानी से खपा दिया जाता था। पर अब जबकि इन नगदी लाने के रास्तों को लगभग बंद कर दिया गया है कश्मीर में एक्टिव आतंकियों व उनके समर्थकों को नगदी की किल्लत को दूर करने की खातिर अब ड्रग्स द्वारा इसकी पूर्ति की जा रही है।

अधिकारियों पर विश्वास करें तो पिछले दो सालों के अरसे में 230 ड्रोन को मार गिराया गया और 188 वापस भाग गए। इनमें जम्मू कश्मीर और पंजाब की सीमाओं पर नजर आने वाले ड्रोन का आंकड़ा शामिल है। अधिकारी कहते हैं कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें ड्रोन मादक पदार्थ और हथियार गिराने में कामयाब रहे और वे सुरक्षाबलों के हाथ नहीं आए। जिन्हें बेचकर आतंकी समर्थकों ने अपना ‘खर्चा’ चलाया है।

Web Title: ISI's message to active handlers in Kashmir sell drugs and work

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