ट्रेन यात्रा के दौरान सामान चोरी होने पर क्या रेलवे जिम्मेदार ? जानिए इस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 16, 2023 09:53 PM2023-06-16T21:53:26+5:302023-06-16T22:01:54+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि अगर यात्री अपने सामान की रक्षा खुद नहीं कर पाता है तो इसके लिए सार्वजनिक ‘ट्रांसपोर्टर’ को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। 

Is the railway responsible for the theft of goods during the train journey, know the big decision of the Supreme Court on this | ट्रेन यात्रा के दौरान सामान चोरी होने पर क्या रेलवे जिम्मेदार ? जानिए इस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

ट्रेन यात्रा के दौरान सामान चोरी होने पर क्या रेलवे जिम्मेदार ? जानिए इस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

HighlightsSC ने कहा, रेल यात्रा के दौरान किसी के सामान की चोरी होना रेलवे की सेवा में कमी नहींशीर्ष अदालत ने कहा- अगर यात्री अपने सामान की रक्षा खुद नहीं कर पाता है तो इसके लिए सार्वजनिक ‘ट्रांसपोर्टर’ को जिम्मेदार नहीं

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि रेल यात्रा के दौरान किसी के सामान की चोरी होना रेलवे की सेवा में कमी नहीं कहा जा सकता और अगर यात्री अपने सामान की रक्षा खुद नहीं कर पाता है तो इसके लिए सार्वजनिक ‘ट्रांसपोर्टर’ को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। 

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्ला की अवकाशकालीन पीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के उस आदेश को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें रेलवे को एक व्यवसायी को एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। 

व्यवसायी ने जिला उपभोक्ता मंच के समक्ष दावा किया था कि एक ट्रेन से यात्रा करते समय उसकी कमर में बंधी बेल्ट में रखे एक लाख रुपये खो गए थे और उसने अपने नुकसान के लिए रेलवे से प्रतिपूर्ति की मांग की थी। 

पीठ ने कहा, ‘‘हम यह समझने में विफल हैं कि चोरी को किसी भी तरह से रेलवे की सेवा में कमी कैसे कहा जा सकता है। यदि यात्री अपने सामान की रक्षा करने में सक्षम नहीं है, तो रेलवे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।’’ 

शीर्ष अदालत एनसीडीआरसी के उस आदेश के खिलाफ रेलवे द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रेलवे को शिकायतकर्ता सुरेंद्र भोला को एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। भोला 27 अप्रैल, 2005 को काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस से नयी दिल्ली आ रहा थे और आरक्षित बर्थ पर थे। 

भोला ने कहा कि उन्होंने कमर में बंधी बेल्ट में एक लाख रुपये रखे थे, जिसे उन दुकानदारों को देने थे, जिनके साथ उनका व्यापारिक लेन-देन था। अगले दिन ट्रेन से उतरने के बाद उन्होंने दिल्ली में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

(कॉपी भाषा एजेंसी)

Web Title: Is the railway responsible for the theft of goods during the train journey, know the big decision of the Supreme Court on this

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