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क्या तमिलनाडु पुलिस उत्तर भारतीय श्रमिक की मैपिंग कर रही है? जानिए वायरल व्हाट्सएप मैसेज के दावे का सच

By आजाद खान | Updated: June 2, 2022 13:20 IST

आपको बता दें कि इस तरह के सर्कुलर रामेश्वरम, थंगाचिमदम, पाम्बन, पनाइकुडम, पुदुमदम और किझाकरई पंचायतों द्वारा जारी किए गए थे।

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ठळक मुद्देतमिलनाडु पुलिस का एक मैसेज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि पुलिस उत्तर भारतीय के श्रमिकों की मैपिंग की आदेश दे रही है। इसके वायरल होने के बाद पुलिस ने इस पर सफाई दी है।

चेन्नई: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर कुछ दिनों से कुछ मैसेज वायरल हो रहे है जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु पुलिस राज्य के उत्तर भारतीय श्रमिकों की मैपिंग की आदेश दे रही है। मैसेज में यह भी दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु पुलिस के डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने पुलिस को आदेश देकर इन लोगों के आधार कार्ड के साथ इनकी जानकारी भी जमा करने को कहा है। 

जिन लोगों की जानकारी की पुलिस द्वारा लेने की बता कही जा रही है, वे राज्य में रोड पर रेहड़ी लगाने वाले है या मजदूर है। यह मैसेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और इस पर लोग खूब बयान भी दे रहे हैं। मामला जब आगे बढ़ गया तो इस बात पर सफाई डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने दिया है। 

क्या कहा गया है सर्कुलर में

इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक, रामनाथपुरम जिले की 18 पंचायतों को एक सर्कुलर जारी किया गया है। इस सर्कुलर में कहा गया है, अन्य राज्यों से आकर निर्माण, इंजीनियरिंग, होटल, छात्रावास, झींगा उद्योग में काम करने वाले को अपने बारे में जानकारी साझा करना होगा। इस में पानी पुरी और कुल्फी विक्रेताओं के रूप में काम करने वाले लोग भी शामिल है। 

सर्कुलर में आगे कहा गया है कि इन लोगों को अपने नाम, आयु, फोटो, आधार कार्ड, फोन नंबर, वर्तमान नियोक्ता का विवरण, वर्तमान पता और अन्य जानकारी को 15 जून से पहले पंचायत कार्यालय में जमा करने को कहा गया है। इस तरह के सर्कुलर रामेश्वरम, थंगाचिमदम, पाम्बन, पनाइकुडम, पुदुमदम और किझाकरई पंचायतों द्वारा जारी किए गए थे।

आपको बता दें कि यह जानकारियां उस समय मांगी गई है जब राज्य में मछुआरी महिला के साथ बलात्कार कर हत्या का मामला सामने आया है।

डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने क्या कहा

मामले में बोलते हुए डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने इंडिया टुडे से कहा कि यह दावा गलत है। उन्होंने इस पर जानकारी देते हुए कहा वे केवल काम पर रखने वाले मालिकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके पास जो लोग काम कर रहे है, वे कौन है और कहां से रहने वाले है। इस बात की जानकारी मालिकों को इकट्ठा करने को कहा गया है। 

सिलेंद्र बाबू ने आगे बताया कि रामेश्वरम में जब एक 45 वर्षीय मछुआरे का पहले रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने मालिकों को अपने यहां काम करने वाले मजदूरों की जानकारी कावलन ऐप पर साझा करने को कहा गया था। पुलिस ने इसे केवल सुरक्षा को लेकर आदेश दिया था।  

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