लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच नाराजगी की खबरें आ रही हैं। विधानसभा चुनाव में सपा के चुनाव चिह्न पर विधायक चुने गये और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-(लोहिया) (पीएसपीएल) के अध्यक्ष शिवपाल यादव की दरअस भाजपा की नजदीकियां बढ़ने की भी अटकलें हैं।
ऐसी खबरें हैं कि भाजपा शिवपाल को राज्यसभा में भेज सकती है और जसवंत नगर विधानसभा सीट से उनके बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बना सकती है। ऐसी भी अटकलें हैं कि वह भाजपा की मदद से विधानसभा उपाध्यक्ष बन सकते हैं।
तमाम अटकलों के बीच शिवपाल अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। उन्होंने समय आने पर उचित निर्णय लेने की बात कही है। वहीं, अखिलेश भी इस संबंध में कुछ भी खुल कर नहीं बता रहे हैं। बुधवार को कन्नौज पहुंचे अखिलेश से जब शिवपाल से जुड़ा एक सवाल पूछा गया तो वह भड़क गए।
अखिलेश ने पत्रकारों से कहा- ऐसा सवाल समय बर्बाद करने वाला
शिवपाल को लेकर जारी अफवाहों के बीच कन्नौज में अखिलेश से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसे सवाल पूछकर आपको समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का 10 मार्च को परिणाम आने के बाद से शिवपाल और उनके भतीजे एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच दूरी बढ़ने को लेकर चर्चा तेज है।
बीते दिनों सपा के विधायकों की बैठक में शिवपाल को आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का अध्यक्ष होने के बावजूद वह इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट से सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीते हैं। वहीं, हाल में शिवपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया, इससे भी अटकलों को बल मिला है।
राज्य में समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार में अखिलेश और शिवपाल का मनमुटाव 2016 में खुलकर उस समय सामने आ गया था, जब पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवपाल को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया था। बाद में शिवपाल ने अपनी नई पार्टी बना ली थी।