लौह नगरी के नाम से प्रसिद्ध जमशेदपुर बना दुष्कर्म नगरी, हर पांचवें दिन एक नाबालिग बन रही है हवस का शिकार

By एस पी सिन्हा | Published: July 13, 2019 04:45 PM2019-07-13T16:45:37+5:302019-07-13T16:45:37+5:30

मुख्यमंत्री ने मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को दिया और एक माह में जांच रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. लेकिन नौ महीने बीतने के बाद भी अब तक सीआइडी की टीम ने आरोपी डीएसपी और इंस्पेक्टर से पूछताछ तक नहीं की है. एक ओर सरकार पॉक्सो एक्ट के सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश जारी कर रही है.

iron district jamshedpur turn into a rape city after every 5 days a girl is being raped | लौह नगरी के नाम से प्रसिद्ध जमशेदपुर बना दुष्कर्म नगरी, हर पांचवें दिन एक नाबालिग बन रही है हवस का शिकार

लौह नगरी के नाम से प्रसिद्ध जमशेदपुर बना दुष्कर्म नगरी, हर पांचवें दिन एक नाबालिग बन रही है हवस का शिकार

Highlights10 दिनों में पॉक्सो एक्ट के तीन मामले अलग-अलग थानों में दर्ज किये गये हैं.पीड़िता के संरक्षक ने मामले की सीबीआई से जांच की मांग मुख्यमंत्री से की है.

झारखंड में लौह नगरी के नाम से प्रसिद्ध जमशेदपुर(टाटा) आजकल दुष्कर्म नगरी का रूप धारण करता जा रहा है. हालात ये हो गये हैं कि इस वर्ष 183 दिनों में 32 नाबालिग को हवसियों को शिकार बनाया गया, जिनका मामला कोर्ट में चल रहा है. जनवरी 2019 से जुलाई तक स्थिति यह है कि जमशेदपुर में हर पांचवें दिन एक नाबालिग हवस का शिकार बन रही है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार जुलाई के महज 10 दिनों में पॉक्सो एक्ट के तीन मामले अलग-अलग थानों में दर्ज किये गये हैं. इस वर्ष सबसे ज्यादा जनवरी में पॉक्सो एक्ट के तहत 10 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज किये गये. सरकार द्वारा बाल यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए कई कदम उठाये गये हैं. बच्चों से जुड़े यौन अपराध मामले में अब मौत की सजा मिलेगी. बावजूद इसके यौन उत्पीड़न का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. 

हालात ये रहे हैं कि नाबालिग से यौन शोषण करने में पुलिसकर्मी भी शामिल रहे हैं. वहीं, देह व्यापार कराने वाले भी नाबालिगों से इस तरह का घिनौना काम करवा रहे हैं. पिछले दिनों टेल्को की नाबालिग के साथ पुलिसकर्मियों ने भी दुष्कर्म किया था. साथ ही नाबालिग के साथ उसके बहनोई ने भी दुष्कर्म किया. इस मामले में देह व्यापार करवाने वाले करन सिंह को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. 

दूसरी ओर, मानगो सहारा सिटी में नाबालिग के साथ डीएसपी और इंस्पेक्टर समेत कई लोगों ने दुष्कर्म किया. इस मामले में पुलिस ने सिर्फ तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. जबकि डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत 16 आरोपियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता के संरक्षक ने मामले की सीबीआई से जांच की मांग मुख्यमंत्री से की है. 

मुख्यमंत्री ने मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को दिया और एक माह में जांच रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. लेकिन नौ महीने बीतने के बाद भी अब तक सीआइडी की टीम ने आरोपी डीएसपी और इंस्पेक्टर से पूछताछ तक नहीं की है. एक ओर सरकार पॉक्सो एक्ट के सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश जारी कर रही है. 

वहीं, वारदात की प्राथमिकी दर्ज होने पर पुलिस अधिकारी या किसी सफेदपोश का नाम आने पर पुलिस की जांच धीमी हो जाती है. इस तरह से यहां स्थिती लगातार भयावह होती जा रही है. वह भी तब जबकि मुख्यमंत्री रघुवर दास यही के रहने वाले हैं और यहीं से वह जीतते भी हैं. 
 

Web Title: iron district jamshedpur turn into a rape city after every 5 days a girl is being raped

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