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अपराधी को दबोचने वाले आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार खुद बने अपराधी, गिरफ्तारी के डर से हुए भगोड़ा

By एस पी सिन्हा | Updated: November 5, 2022 16:23 IST

गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर पैरवी करने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है।

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ठळक मुद्देउनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया हैटीम गिरफ्तारी के लिए दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर सकती हैआर्थिक अपराध की विशेष अदालत द्वारा यह आदेश जारी किया गया है

पटना: बिहार में जिलों का एसपी रहने के दौरान अपराधियों का छक्का छुड़ा देने की हैसियत रखने वाले आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार आज खुद अपनी गिरफ्तारी के डर से भागे-भागे फिर रहे हैं। आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार अब अपराधी की श्रेणी में आ गये हैं और उन्हीं की पुलिस उनके पीछे पड़ी है। गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर पैरवी करने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।

बताया जाता है कि टीम गिरफ्तारी के लिए दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर सकती है। आर्थिक अपराध की विशेष अदालत द्वारा यह आदेश जारी किया गया है। दरअसल ईओयू की ने विशेष अदालत के सामने एक आवेदन दाखिल किया था और इस मामले में फरार चल रहे अभियुक्त आदित्य कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किए जाने का अनुरोध किया था। 

पटना की एक विशेष अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। फरार आईपीएस अधिकारी को पकड़ने के लिए आर्थिक अपराध इकाई के अफसरों को इस टीम में शामिल किया गया है। बिहार के अलावा कई अन्य राज्यों में उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। आदित्य कुमार को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के उद्देश्य से विशेष टीम में तेज-तर्रार अफसरों को शामिल किया गया है। 

ईओयू के फरार आईपीएस अधिकारी की तलाश में टेक्निकल इंटेलिजेंस का भी मदद ले रही है। एडीजी (मुख्यालय) जीतेन्द्र सिंह गंगवार ने बताया कि एसआइटी गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में छापेमारी कर सकती है। इसके लिए पुलिस टीम को सभी प्रकार के संसाधनों से लैस किया गया है।

बता दें कि आदित्य कुमार पर गया के एसएसपी रहने के दौरान शराब माफिया से मिलीभगत का आरोप लगा था। इस पर जांच के लिए टीम बनाई गई थी। इसके साथ ही आदित्य कुमार पर जालसाजी के तहत अपने मित्र अभिषेक के माध्यम से बिहार पुलिस के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करवाने और अपने ऊपर लगे केस को हटवाने का भी आरोप है। 

2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार गया के एसएसपी थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर उन पर आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120बी, 66सी और 66 के तहत फतेहपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था।

टॅग्स :IPSBiharBihar Police
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