लाइव न्यूज़ :

INX Media Case: पी. चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा- अपराध गंभीर प्रकृति के नहीं, जमानत दी जाए

By भाषा | Updated: September 25, 2019 20:56 IST

कांग्रेस के 74 वर्षीय वरिष्ठ नेता की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया। जांच एजेंसी ने लिखित जवाब में कहा है कि यह ‘‘आर्थिक अपराध का गंभीरतम मामला है’’ और उन्हें कोई राहत नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने वित्तीय धोखाधड़ी की है और अपने पद का दुरुपयोग किया है।

Open in App
ठळक मुद्देचिदंबरम के लिए सिंघवी के अलावा कपिल सिब्बल, दया कृष्णन और ए एस चांडियोक सहित कई वकील पेश हुए। सीबीआई ने लिखित जवाब में कहा है, ‘‘कानून यह है कि अपराध की गंभीरता का उसके लिए दिए जाने वाले दंड से कोई लेना-देना नहीं है। अपराध की गंभीरता का आकलन उसका समाज, अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और देश की एकता पर पड़ने वाले असर से होता है।’’

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उनके खिलाफ लगे ठगी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप गंभीर प्रकृति के नहीं हैं और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। उनके वकील ने अदालत से कहा कि जिन अपराधों में चिदंबरम पर मामला दर्ज किया गया है उनमें अधिकतम सात वर्ष जेल की सजा हो सकती है।

चिदंबरम की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने सुनवाई की और मामले में अगली सुनवाई का दिन शुक्रवार तय किया जब सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता सीबीआई की तरफ से तर्क पेश करेंगे।

चिदंबरम का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व फैसले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जिन आपराधिक मामलों में कैद की सजा सात वर्ष से अधिक नहीं होती, उनमें आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और अदालत को उनको तब तक रिमांड पर नहीं भेजना चाहिए जब तक उनमें वर्णित शर्तें पूरी नहीं कर ली जाती हैं।

कांग्रेस के 74 वर्षीय वरिष्ठ नेता की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया। जांच एजेंसी ने लिखित जवाब में कहा है कि यह ‘‘आर्थिक अपराध का गंभीरतम मामला है’’ और उन्हें कोई राहत नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने वित्तीय धोखाधड़ी की है और अपने पद का दुरुपयोग किया है।

सीबीआई ने लिखित जवाब में कहा है, ‘‘कानून यह है कि अपराध की गंभीरता का उसके लिए दिए जाने वाले दंड से कोई लेना-देना नहीं है। अपराध की गंभीरता का आकलन उसका समाज, अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और देश की एकता पर पड़ने वाले असर से होता है।’’

चिदंबरम के बेटे कार्ति ने अदालत के मंगलवार के निर्देश के मुताबिक हलफनामा दायर किया। अदालत ने उन्हें निर्देश दिया था कि कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी देने से जुड़े कुछ सरकारी दस्तावेजों के स्रोत का खुलासा करें जिसका जिक्र उनके वकील ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान किया था।

अदालत ने मंगलवार को सोलीसीटर जनरल की आपत्ति का संज्ञान लेते हुए हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए थे कि चिदंबरम के वकीलों को उन स्रोतों का खुलासा करना चाहिए कि उन्हें सरकारी दस्तावेज कहां से मिले।

चिदंबरम के लिए सिंघवी के अलावा कपिल सिब्बल, दया कृष्णन और ए एस चांडियोक सहित कई वकील पेश हुए। चिदंबरम को 21 अगस्त को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया और सीधे उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की।

टॅग्स :आईएनएक्स मीडियापी चिदंबरमकार्ति चिदंबरमसीबीआईदिल्ली हाईकोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar Release Row: दिल्ली हाईकोर्ट ने CBFC से सर्टिफिकेशन से पहले शहीद मेजर मोहित शर्मा के परिवार की चिंताओं पर विचार करने को कहा

भारतपति क्रूरता साबित करने में नाकाम और दहेज उत्पीड़न आरोपों को ठीक से खारिज नहीं कर पाया, दिल्ली उच्च न्यायालय का अहम फैसला

बॉलीवुड चुस्कीसंजय कपूर संपत्तिः 30,000 करोड़ रुपये?, सारी संपत्ति पत्नी को देना ‘स्वस्थ परंपरा’, पत्नी प्रिया कपूर ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, करिश्मा कपूर के बच्चों ने पेंच फंसाया?

क्राइम अलर्टPunjab: पूर्व DGP मुस्तफा के बेटे की मौत की जांच CBI के हवाले, हत्या के केस में FIR दर्ज

क्राइम अलर्टरिश्वत का पैसा शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमाया तो अपराध से अर्जित आय माना जाएगा, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-धन शोधन अपराध

भारत अधिक खबरें

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू