जम्मू-कश्मीर में परिसीमन पर विचार-विमर्श में अल्पसंख्यकों को शामिल करें : एपीएससीसी
By भाषा | Updated: June 21, 2021 18:11 IST2021-06-21T18:11:16+5:302021-06-21T18:11:16+5:30

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन पर विचार-विमर्श में अल्पसंख्यकों को शामिल करें : एपीएससीसी
श्रीनगर, 21 जून ऑल पार्टी सिख को-आर्डिनेशन कमेटी (एपीएससीसी) ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की चल रही कवायद के तहत सिखों, गुर्जरों और पहाड़ी जैसे अल्पसंख्यकों को विचार-विमर्श में शामिल करने की सोमवार को मांग की।
एपीएससीसी ने एक बयान में कहा कि अल्पसंख्यकों को शामिल नहीं किया जाना अस्वीकार्य है और संबंधित समुदायों के सदस्य पूरी ताकत से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। एपीएससीसी के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले परिसीमन आयोग द्वारा विभिन्न अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के सुझावों को शामिल करने की आवश्यकता है।
रैना ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की भागीदारी के बिना कोई भी कवायद बेकार और निरर्थक होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि सिख, गुर्जर और पहाड़ी जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों से परिसीमन आयोग को विमर्श करना चाहिए क्योंकि कई विधानसभा क्षेत्रों में उनकी आबादी ज्यादा है। गृह मंत्रालय द्वारा कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले राजनीतिक दलों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को सार्वजनिक करना चाहिए।’’
रैना ने कहा कि यदि अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को इस कवायद से अलग रखा जाता है तो उन्हें सड़कों पर आने और विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों ने परेशानियां झेली हैं और उनके घावों पर मरहम लगाने का समय आ गया है।
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