"सनातन धर्म का अपमान करना संविधान के खिलाफ है", कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 18, 2023 07:09 AM2023-09-18T07:09:53+5:302023-09-18T07:15:27+5:30

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस केसी वेणुगोपाल, कार्ति चिदंबरम और मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे द्वारा सनातन पर दिये बयान पर अपने रुख को स्पष्ट करे। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसा करना चाहिए। सनातन धर्म का अनादर करना संविधान के विरुद्ध है।

"Insulting Sanatan Dharma is against the Constitution", said Law Minister Arjun Ram Meghwal | "सनातन धर्म का अपमान करना संविधान के खिलाफ है", कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsकेंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सनातन विवाद में किया कांग्रेस पर जबरदस्त हमला कांग्रेस कार्ति चिदंबरम, वेणुगोपाल और प्रियांक खड़गे के सनातन पर दिये बयान पर अपना रूख साफ करेकानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सनातन धर्म का अपमान करना संविधान के खिलाफ है

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सनातन धर्म विवाद में संवैधानिकता का नया सवाल खड़ा करते हुए इस मसले को एक नया रूप देने का प्रयास किया है। कानून मंत्री मेघवाल ने सनातन विवाद न केवल डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की बल्कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की भी तीखी आलोचना की है।

केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन पर की गई टिप्पणी को राजनीतिक नतीजों के लिए विस्फोटक मानते हुए बीते रविवार को कहा कि सिर्फ डीएमके नेता ही नहीं कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और पी तिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम  और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे द्वारा सनातन पर दिये बयान को लेकर कांग्रेस को अपना रूख साफ करना चाहिए कि आखिर कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर क्या राय रखती है, क्या वो अपने नेताओं के दिये बयान से समहत है या फिर असहमत है?

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कानून मंत्री मेघवाल ने कहा, "केसी वेणुगोपाल, कार्ति चिदंबरम और मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे के बयान सनातन धर्म पर कांग्रेस के रुख को स्पष्ट रूप से नहीं बताते हैं। हमारा मानना ​​है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसा करना चाहिए। उन्हें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। सनातन धर्म का अनादर करना संविधान के विरुद्ध है।"

दरअसल केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बात इस कारण से कही है क्योंकि इससे पहले कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने सनातन विवाद पर कहा था कि उनकी पार्टी 'सर्व धर्म समभाव' में विश्वास करती है। उन्होंने कहा था, ''हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।''

उन्होंने कहा, "इस मामले में हमारा रुख स्पष्ट है। 'सर्व धर्म समभाव' हमेशा से कांग्रेस की विचारधारा रही है। प्रत्येक राजनीतिक दल को एक निश्चित विषय पर अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है। हम सभी समुदायों की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं।"

वहीं कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वह एक बीमारी के समान है"।

खड़गे ने आगे कहा था, "कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता या यह सुनिश्चित नहीं करता कि आपको इंसान होने की गरिमा प्राप्त है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता, वह बीमारी के समान ही अच्छा है।"

उदयनिधि के बाद प्रियांक खड़गे के दिये बयान पर सिसायत में उबाल आया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी भी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था और वह संविधान प्रदत्त पंरपराओं का पालन करने में विश्वास रखते हैं।

बयान पर विवाद होने के बाद प्रियांक खड़गे ने सफाई देते हुए कहा था, "मेरा बयान किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं था। मैंने कहा कि कोई भी धर्म जो इंसानों के बीच भेदभाव करता है वह धर्म नहीं है। मैं संविधान का पालन करता हूं, मेरा धर्म संविधान है। अगर वे मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करना चाहते हैं या मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं, तो यह यह उन पर निर्भर है। मुझे वास्तव में कोई परवाह नहीं है।''

Web Title: "Insulting Sanatan Dharma is against the Constitution", said Law Minister Arjun Ram Meghwal

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