जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़े उलटफेर के बाद क्या आतंकियों के खिलाफ तेज होगा ऑपरेशन ऑल आउट ?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: June 20, 2018 09:25 IST2018-06-20T08:24:12+5:302018-06-20T09:25:51+5:30
Operation All Out in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में मंगलवार(19 जून) को बीजेपी-पीडीपी का गठबंधन टूट गया है।

Operation All Out in Jammu Kashmir| post ceasefire operation all out started
जम्मू-कश्मीर, 20 जून : जम्मू-कश्मीर में मंगलवार(19 जून) को बीजेपी-पीडीपी का गठबंधन टूट गया है। इसके साथ ही यहां राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया है। ऐसे में जिस कारण से बीजेपी ने पीडीपी का दामन छोड़ा क्या अब वह करेगी दरअसल अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार फिर से आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज होगा?
फिलहाल हर किसी के लिए ये सवाल अहम है कि सेना के अलावा सीआरपीएफ और पुलिस को खुली छूट मिलेगी, जिससे वे पत्थरबाजों और आतंकियों के समर्थकों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन कर सकें। वहीं, सेना के मुताबिक 2018 में अभी तक करीब 68 आतंकी मारे जा चुके हैं जबकि 16 जवान भी शहीद हुए हैं। वहीं, बीते साल की बात की जाए तो 2017 में 213 आतंकी मारे गए थे और सेना के 62 जवान शहीद हुए थे।
लेकिन इस साल रमजान के महीने में लाइन ऑफ कंट्रोल पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों को छोड़कर सेना ने कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सीजफायर के चलते कोई बड़ा ऑपरेशन लांच नही किया। वहीं, बाद सीजफायर की की जाए तो तो 2017 में 860 बार युद्धविराम का उल्लंघन हुआ था, वहीं, इस साल छह महीने में ये आंकड़ा 1000 को पार कर चुका है। साथ ही सेना के सूत्रों के मुताबिक राज्य में राज्यपाल शासन लगने से आतंकियों की खुफिया सूचना आसानी से मिलने लगेंगी। इससे सेना आतंकियों के खिलाफ जोर शोर से कार्रवाई कर पाएगी।
वहीं, कहा जा रहा है कि अब पीडीपी से अलग होने के बाद बीजेपी सेना के द्वाराल आतंकियों का सफाया जल्द से जल्द करवाएगी। सुरक्षाबलों से जुड़े जानकार बता रहे हैं कि कश्मीर के हालात बद से बदतर होते जा रहे थे। सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने वाले करीब 9000 लोगों पर से राज्य सरकार ने मुकद्दमें वापस ले लिए थे।
संभावना है कि अब दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन किए जा सकते हैं। इसी माह की 29 तारीख से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है, ऐसे में सुरक्षाबलों की कोशिश हर तरह से आतंकियों की नकौल कसने की होगी ताकि इस बार आतंकी पिछली बार की तरह यात्रियों पर कोई कार्रवाई न कर सकें।