नयी दिल्ली, 10 फरवरी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बुधवार को कहा कि निर्दोष लोग खतरनाक तत्वों की जानकारी के बिना श्रद्धा के चलते गंगा का पानी पीते हैं और अधिकारियों से कम से कम उम्मीद की जाती है कि वे पश्चिम बंगाल में गंगा सागर सहित उचित स्थलों पर खतरनाक तत्वों के स्तर के बारे में जानकारी प्रदान करें।
एनजीटी ने कहा कि अधिकारियों को गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसने कहा कि गंगा में प्रदूषण नियंत्रण को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सभी स्तरों पर गंभीरता से लेने की जरूरत है।
एनजीटी ने कहा कि निर्दोष लोग खतरनाक तत्वों की जानकारी के बिना श्रद्धा के चलते गंगा का पानी पीते हैं और अधिकारियों से कम से कम उम्मीद की जाती है कि वे पश्चिम बंगाल में गंगा सागर सहित उचित स्थलों पर खतरनाक तत्वों के स्तर के बारे में जानकारी प्रदान करें जिससे कि स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभावों से बचा जा सके।
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