मणिपुर में इनर लाइन परमिट व्यवस्था लागू, राष्ट्रपति ने आदेश पर किए हस्ताक्षर
By भाषा | Published: December 11, 2019 03:54 PM2019-12-11T15:54:01+5:302019-12-11T15:54:01+5:30
अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम के बाद मणिपुर चौथा राज्य है जहां पर आईएलपी को लागू किया गया है । बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 के अंतर्गत आईएलपी व्यवस्था लागू की गयी थी। बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 की धारा दो के तहत अन्य राज्यों के नागरिकों को इन तीनों राज्यों में जाने के लिए आईएलपी लेना पड़ता है ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत करने के साथ इनर लाइन परमिट (आईएलपी) व्यवस्था बुधवार को मणिपुर में लागू कर दी गयी। इसके दो दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में घोषणा की थी कि विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के बारे में पूर्वोत्तर के राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए आईएलपी को मणिपुर में लागू किया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। आईएलपी व्यवस्था वाले राज्यों में देश के दूसरे राज्यों के लोगों सहित बाहरियों को अनुमति लेनी पड़ेगी। भूमि, रोजगार के संबंध में स्थानीय लोगों को संरक्षण और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम के बाद मणिपुर चौथा राज्य है जहां पर आईएलपी को लागू किया गया है । बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 के अंतर्गत आईएलपी व्यवस्था लागू की गयी थी। बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 की धारा दो के तहत अन्य राज्यों के नागरिकों को इन तीनों राज्यों में जाने के लिए आईएलपी लेना पड़ता है । आईएलपी व्यवस्था का मुख्य मकसद मूल आबादी के हितों की रक्षा के लिए तीनों राज्यों में अन्य भारतीय नागरिकों की बसाहट को रोकना है ।
विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर में हर तरफ विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद गृह मंत्री ने घोषणा की थी कि प्रस्तावित कानून आईएलपी व्यवस्था वाले राज्यों और संविधान की छठी अनुसूची के तहत शासित क्षेत्रों में लागू नहीं होगी । संविधान की छठी अनुसूची के तहत असम, मेघालय और त्रिपुरा के कुछ जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्त परिषद् और जिले बनाए गए।
स्वायत्त परिषदों और जिलों को कुछ कार्यकारी और विधायी ताकतें मिली हुई हैं। शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करते हुए कहा था कि मणिपुर में आईएलपी व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि इस संबंध में एक आदेश प्रस्तावित कानून को अधिसूचित करने के पहले जारी कर दिया जाएगा ।