जम्मू-कश्मीर में 250 से 270 आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में: लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट
By कोमल बड़ोदेकर | Published: June 24, 2018 02:14 PM2018-06-24T14:14:16+5:302018-06-24T14:21:22+5:30
म्मू-कश्मीर में करीब 270 आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में हैं। ये अहम जानकारी लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने दी है। भट्ट ने कहा कि करीब 270 आतंकी घाटी में घुसपैठ करने की फिराक में हैं।
श्रीनगर, 24 जून। जम्मू-कश्मीर में करीब 270 आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में हैं। ये अहम जानकारी लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने दी है। भट्ट ने कहा कि करीब 270 आतंकी घाटी में घुसपैठ करने की फिराक में हैं। हमारी खूफिया रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त 250 से 270 आतंकी यहां सक्रिय है जो हमारी हिट लिस्ट में है।
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उन्होंने कहा कि, आतंकियों के खिलाफ हमारा ऑपरेशन ऑल आउट जारी है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद के अलावा एनएसजी की भी मदद ली जा रही है। हमारी प्राथमिकता घाटी में शांति कायम करना है। जम्मू-कश्मीर में हो रही आंतकी गतिविधियों पर केंद्र सरकार का रूख सख्त है। आतंक के खिलाफ सेना ने 'ऑपरेशन ऑल आउट' शुरू किया है। इसके तहत सेना ने 22 खूंखार आंतकियों की लिस्ट तैयार की है।
There are less militants in North Kashmir as compared to South Kashmir. The atmosphere is also better. There are around 250-275 militants present in the valley: Lt General A.K. Bhatt, Commander of the Srinagar headquartered 15 Corps in Baramulla #JammuAndKashmirpic.twitter.com/51iZHA2ISA
— ANI (@ANI) June 24, 2018
22 आंतकियों में से एक आंतकी को सेना 22 जून को मार दिया था। मार गए आतंकी की पहचान दाउद अहमद सोफी के तौर पर की गई थी। वो इस्लामिक स्टेट के लिए काम करता था। सेना द्वारा तैयार किए गए इस लिस्ट में हिजबुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर-ए-तैयबा के सात, जैश-ए-मोहम्मद के दो और अंसार गजावत उल-हिंद के आतंकी शामिल हैं।
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22 आतंकियों की लिस्ट में अंसार गजावत उल-हिंद का आतंकी जाकिर मूसा, लश्कर आतंकी मोहम्मद नावेद जट, हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख डॉक्टर सैफुल्ला, अल्ताफ कचरू उर्फ मोइन-उल-इस्लाम, समीर अहमद जैसे नाम शामिल हैं। इनमें ज्यादातर आतंकी कश्मीर के ही रहने वाले हैं, कुछ पाकिस्तान से भी हैं।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने ये भी फैसला किया है कि 'ऑपरेशन ऑल आउट' के तहत मारे जाने वाले आतंकियों की लाश मुठभेड़ वाली जगह ही दफनाई जाएगी। लाश को उनके परिवार वालों को नहीं सौंपा जाएगा। आतंकियों के जानजा में उमड़ने वाली भीड़, शहीदों जैसा मिलने वाला ट्रीटमेंट, जिससे की घाटी में नए युवक गुमराह होते हैं। इस देखते हुे सरकार ने ये फैसला किया है।
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