इंद्राणी मुखर्जी का दावा- शीना बोरा जिंदा है, किताब में लिखा- दोस्त ने शीना को गुवाहाटी हवाई अड्डे पर देखा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 6, 2023 09:12 PM2023-08-06T21:12:21+5:302023-08-06T21:14:16+5:30
इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप को सिरे से खारिज किया है। मुखर्जी ने अपनी पुस्तक ‘अनब्रोकन: द अनटोल्ड स्टोरी’ में कहा है कि मेरी दोस्त सवीना द्वारा शीना को गुवाहाटी हवाई अड्डे पर देखे जाने के बाद अब मैं सुकून से हूं।
नयी दिल्ली: अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में छह साल से अधिक समय जेल में बिताने वाली और एक मीडिया हाउस की पूर्व कर्ताधर्ता इंद्राणी मुखर्जी ने अपने एक संस्मरण में दावा किया है कि जिसकी हत्या का उन पर आरोप लगाया गया है, वह ‘जीवित’ है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 18 मई को मुखर्जी को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि वह लंबे समय से जेल में हैं और मामले की सुनवाई इतनी जल्दी पूरी नहीं होगी।
मुखर्जी ने हत्या के आरोप को सिरे से खारिज किया है। मुखर्जी ने अपनी पुस्तक ‘अनब्रोकन: द अनटोल्ड स्टोरी’ में कहा है कि वह और शीना वास्तव में एक जैसे दिखते थे और यहां तक कि उन्हें एक जैसा खाना भी पसंद था, लेकिन उनके बीच मां-बच्चे जैसा पारंपरिक रिश्ता नहीं था। ‘हार्पर कॉलिन्स इंडिया’ द्वारा प्रकाशित पुस्तक में मुखर्जी लिखती हैं, ‘‘मुझे शीना के स्वभाव का तभी पता चल गया था, जब वह 15 साल की थी। शुरू से ही हम दोस्तों की तरह जुड़े रहे। शीना मेरी मां को अपने माता-पिता के रूप में मानती थी क्योंकि वह मेरे माता-पिता के साथ पली-बढ़ी थी, उसने मुझे एक भाई-बहन के रूप में देखा था।’’ दोनों के बीच रिश्तों की मजबूती का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी किताब में कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में हमारा रिश्ता प्रगाढ़ हुआ। हमने भोजन से लेकर आभूषण और कपड़े तक सब कुछ साझा किया।’’
वह लिखती हैं, ‘‘मैं 21 साल की लड़की की मां बनने की चुनौतियों के बारे में नहीं जानती थी। जैसे ही मैंने शांत माता के रूप में भूमिका निभाना बंद किया और सख्त अभिभावक बनी, चीजें बदल गईं।’’ मुखर्जी का दावा है कि उन्होंने शीना के सामने कभी अपना गुस्सा जाहिर नहीं किया। मुंबई पुलिस की एक टीम ने 25 अगस्त 2015 को मुखर्जी को शीना की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह लिखती हैं, ‘‘और शीना का क्या? मेरे बच्चे का मैंने कथित तौर पर अपने हाथों से गला घोंट दिया था। शीना और मेरी आत्मा एक समान ही है। हमने एक जैसा ही दर्द सहा। वह तेजतर्रार, गर्मजोशी भरी, प्यारी और दयालु थी।’’ फिर चौंकाने वाला दावा करते हुए मुखर्जी लिखती हैं, ‘‘मेरी दोस्त सवीना द्वारा शीना को गुवाहाटी हवाई अड्डे पर देखे जाने के बाद अब मैं सुकून से हूं। खुद एक वकील होने के नाते, उसने तत्काल इस बारे में सोचा और हमे हवाई अड्डे से शीना की फुटेज मिल गई।’’
वह कहती हैं, ‘‘यह जानकारी सामने आने के बाद मेरे अंदर कुछ बदलाव आया। जिस व्यक्ति की हत्या का आरोप मुझ पर है वह बाहर जीवित है, जबकि मैं जेल में सड़ रही थी। वह खुलकर सामने क्यों नहीं आई? मुझे नहीं पता। मुझे यकीन है कि कुछ कारण और दबाव हैं जो उसे रोक रहे हैं।’’ मुखर्जी ने दावा किया है कि यह दूसरी बार है जब उन्हें बताया गया है कि शीना जीवित है। उन्होंने किताब में लिखा, ‘‘जब मैं जेल में थी, भायखला जेल की एक कैदी ने भी दावा किया था कि उसने शीना को कश्मीर में देखा था। वह एक महिला सरकारी अधिकारी थी। मैंने अपनी वकील सना (रईस खान) के माध्यम से, इसकी जांच सीबीआई से करने का आग्रह किया। इसका कोई असर नहीं हुआ। लेकिन जब हाल ही में सवीना ने उसे देखा, तो मैंने सोच लिया था कि हमें शीना को ढूंढ़ना होगा।’’ मुंबई की एक विशेष अदालत ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) से गुवाहाटी हवाई अड्डे के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने और कथित तौर पर शीना जैसी दिखने वाली लड़की की पहचान का पता लगाने को कहा।
(इनपुट - भाषा)