23 साल पहले चुराए थे दो पंखे अब सुनाई गई एक साल की सजा, 1,000 रुपए का जुर्माना
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 4, 2021 01:46 PM2021-02-04T13:46:51+5:302021-02-04T13:48:33+5:30
मध्य प्रदेश के इंदौर का मामलाः प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) भूपेंद्र आर्य ने शंकर (55) को भादंवि की धारा 457 (रात में सेंध लगाकर किसी परिसर में घुसना) और 380 (चोरी) के तहत मंगलवार को दोषी करार दिया.
इंदौरःजिला अदालत ने एक दुकान से दो पंखे चुराने के 23 साल पुराने मामले में अधेड़ व्यक्ति अब एक वर्ष जेल की सजा सुनाई है. मुजरिम पर अदालत ने 1,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) भूपेंद्र आर्य ने शंकर (55) को भादंवि की धारा 457 (रात में सेंध लगाकर किसी परिसर में घुसना) और 380 (चोरी) के तहत मंगलवार को दोषी करार दिया. अभियोजन पक्ष ने इस व्यक्ति पर जुर्म साबित करने के लिए अदालत के सामने पांच गवाह पेश किए थे.
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी (एडीपीओ) संजीव पांडेय ने बताया कि शहर के सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र में 23 मार्च 1998 को देर रात एक चौकीदार की मुस्तैदी के कारण शंकर एक दुकान से दो पंखे चुराते रंगे हाथ पकड़ा गया था.
इस व्यक्ति के कब्जे से बरामद चोरी के दो पंखों की कुल कीमत वर्ष 1998 में 500 रुपये के आस-पास रही होगी. जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद शंकर फरार हो गया था. इसलिए पंखा चोरी मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में इतना लंबा वक्त लग गया.