नई दिल्लीः इंदौर ने एक बार फिर देश का सबसे क्लीन सिटी का खिताब अपने नाम कर जीत का पंच लगा दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। इन्दौर नगर निगम को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का पुरस्कार दिया गया है।
इस अवसर पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं अन्य उपस्थित थे। इन्दौर शहर को देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्रथम बार वर्ष 2017 में प्राप्त हुआ था। छत्तीसगढ़ ने सबसे स्वच्छ राज्य का स्थान बरकरार रखा।
स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 में सबसे स्वच्छ शहरों में दूसरा स्थान सूरत को और तीसरा स्थान विजयवाड़ा को प्राप्त हुआ। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा घोषित सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ को भारत का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को सर्वेक्षण में ‘‘स्वच्छ गंगा शहर’’ की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ।
केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के लगातार पांचवीं बार देश भर में अव्वल रहने पर गदगद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को स्थानीय नागरिकों, सफाई कर्मियों, जन प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं को बोलचाल के इंदौरी अंदाज में बधाई दी। चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘अरे वाह भिया, छा गया अपना इंदौर फिर से। इंदौर अद्भुत है, गजब है। धन्य है इंदौर की जनता। इंदौर की जनता को मेरा प्रणाम, जिसने इंदौर को लगातार पांचवीं बार स्वच्छता में शीर्ष पर बनाए रखा।’’
स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021
पहला नंबरः इंदौर
दूसराः सूरत
तीसराः विजयवाड़ा
स्वच्छ गंगा शहरः
वाराणसी
मुंगेर
पटना।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में इंदौर और सूरत ने अपना स्थान बरकरार रखा हालांकि नवी मुम्बई स्वच्छ शहर की श्रेणी में तीसरे स्थान से चौथे स्थान पर आ गई। इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और गांधीजी की इसी प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा शहरी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हुए हैं। कोविंद ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सबसे बड़ी सफलता देश की सोच में बदलाव आना है जहां अब घर के छोटे बच्चे भी बड़ों को गंदगी फैलाने से रोकते और टोकते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मनुष्य द्वारा सिर पर मैला ढोना एक शर्मनाक प्रथा है और इसे रोकने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं बल्कि समाज और देश के सभी नागरिकों की है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी शहरों में मशीन से सफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
राष्ट्रपति ने स्वच्छता पुरस्कार विजेता शहरों की अच्छी प्रथाओं एंव चलन को अपनाने की बात भी की। आवास शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ सर्वेक्षण में 28 दिनों में 4,320 शहरों में 4.2 करोड़ लोगों की राय ली गई। सर्वेक्षण में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को देश में स्वच्छ राज्यों में दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त हुआ जहां 100 से अधिक शहरी स्थानीय निकाय हैं।
100 से कम शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्यों की श्रेणी में झारखंड को पहला स्थान मिला और इसके बाद हरियाणा और गोवा को स्थान प्राप्त हुआ। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में इंदौर, सूरत, विजयवाड़ा, नवी मुम्बई, नयी दिल्ली, अंबिकापुर, तिरुपति, पुणे, नोएडा और उज्जैन शामिल हैं।
इस श्रेणी में 25 शहरों की सूची में लखनऊ को निचला स्थान प्राप्त हुआ मंत्रालय के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र का विटा शहर को प्रथम स्थान मिला और इसके बाद लोनावाला और ससवाड शहर को स्थान प्राप्त हुआ। इसी प्रकार से, 1-3 लाख आबादी वाले छोटे स्वच्छ शहरों की श्रेणी में नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को प्रथम स्थान मिला।
नागरिकों की राय के आधार पर होसंगाबाद तेजी से उभरते छोटे शहर और तिरुपति को श्रेष्ठ छोटे शहर के रूप में सामने आया। वहीं, 3-10 लाख आबादी की श्रेणी में नोएड देश में ‘स्वच्छ मध्यम शहर’ के रूप सामने आया जबकि नवी मुम्बई ने ‘सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज’ पुरस्कार प्राप्त किया। छावनी बोर्ड की श्रेणी में अहमदाबाद को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला । इस श्रेणी में अहमदाबाद के बाद मेरठ और दिल्ली को स्थान प्राप्त हुआ ।