मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने से 15 मरीजों की आंख की रोशनी गई, अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज

By भाषा | Updated: August 30, 2019 05:36 IST2019-08-30T05:36:05+5:302019-08-30T05:36:05+5:30

इंदौर नेत्र चिकित्सालय में पांच अगस्त और आठ अगस्त को किये गये मोतियाबिंद ऑपरेशनों के कुल 15 मरीजों की संबंधित आंख में एक घातक बैक्टीरिया का संक्रमण पाया गया। इससे उन्हें सर्जरी के बाद एक-एक आंख से दिखायी देना बंद हो गया।

indore: 15 patients lost eye light as operation worsens, FIR on hospital management | मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने से 15 मरीजों की आंख की रोशनी गई, अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज

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Highlightsमोतियाबिंद ऑपरेशनों के दौरान घातक संक्रमण से 15 मरीजों की एक-एक आंख की रोशनी कथित तौर पर जाने के मामले में बृहस्पतिवार को यहां एक परमार्थ अस्पताल के प्रबंधन के दो शीर्ष अफसरों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।मामले के खुलासे के पखवाड़े भर बाद मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है।

मोतियाबिंद ऑपरेशनों के दौरान घातक संक्रमण से 15 मरीजों की एक-एक आंख की रोशनी कथित तौर पर जाने के मामले में बृहस्पतिवार को यहां एक परमार्थ अस्पताल के प्रबंधन के दो शीर्ष अफसरों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। मामले के खुलासे के पखवाड़े भर बाद मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया की शिकायत पर एमओजी लाइन स्थित इंदौर नेत्र चिकित्सालय के निदेशक सुधीर महाशब्दे और चिकित्सा अधीक्षक सुहास बांडे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी।

उन्होंने बताया कि यह मामला छत्रीपुरा पुलिस थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 336 (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और अन्य सम्बद्ध धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया गया। जिला प्रशासन की तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया, "इंदौर नेत्र चिकित्सालय में पांच अगस्त को किये गये मोतियाबिंद ऑपरेशनों के अगले दिन यानी छह अगस्त को चार मरीजों ने उनकी सर्जरी से गुजरी आंख में सूजन की शिकायत की थी।"

प्राथमिकी के मुताबिक, "इंदौर नेत्र चिकित्सालय में आठ अगस्त को शिविर आयोजित कर 14 और मरीजों का नेत्र ऑपरेशन किया गया, जबकि पुराने मरीजों की आंखों में संक्रमण की जानकारी अस्पताल प्रबंधन के संज्ञान में इस शिविर के आयोजन से पहले ही आ गयी थी। संक्रमण की जानकारी मिलने पर संस्थान में नेत्र चिकित्सा का समस्त कार्य बंद कर दिया जाना चाहिये था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।"

प्राथमिकी में कहा गया, "चिकित्सालय को संक्रमणमुक्त किये बगैर आठ अगस्त को शिविर लगाकर नये नेत्र ऑपरेशन किया जाना अस्पताल प्रबंधन की आपराधिक लापरवाही है।" इस बीच, छत्रीपुरा थाने के प्रभारी संतोष यादव ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर नेत्र चिकित्सालय में पांच अगस्त और आठ अगस्त को किये गये मोतियाबिंद ऑपरेशनों के कुल 15 मरीजों की संबंधित आंख में एक घातक बैक्टीरिया का संक्रमण पाया गया। इससे उन्हें सर्जरी के बाद एक-एक आंख से दिखायी देना बंद हो गया।

हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इलाज के बाद इनमें से ज्यादातर मरीजों की हालत में अब सुधार है। इस महीने मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने के बाद प्रदेश सरकार इस अस्पताल का पंजीयन रद्द कर चुकी है और मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जिला अंधत्व नियंत्रण सोसायटी के प्रभारी डॉ. टीएस होरा को निलंबित किया जा चुका है। 

Web Title: indore: 15 patients lost eye light as operation worsens, FIR on hospital management

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