भारत-नेपाल सीमा पर तनावः नेपाली पुलिस ने रिहा किया भारतीय नागरिक को, डीएम ने एसएसबी को दिया निर्देश, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में
By एस पी सिन्हा | Published: June 13, 2020 06:05 PM2020-06-13T18:05:18+5:302020-06-13T18:05:18+5:30
बिहार के सीतामढ़ी जिले में सोनबरसा के जानकीनगर लालबंदी भारत-नेपाल सीमा पर शुक्रवार को नेपाल पुलिस की फायरिंग में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी. जबकि चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.
पटनाः भारत-नेपाल सीमा पर आज तनाव में कुछ राहत महसूस की जा रही है. नेपाल की एपीएफ यानी नेपाली सशस्त्र प्रहरी बल ने बंधक बनाए गए लगन राय को भारतीय पुलिस के हवाले कर दिया है.
बिहार के सीतामढ़ी जिले में सोनबरसा के जानकीनगर लालबंदी भारत-नेपाल सीमा पर शुक्रवार को नेपाल पुलिस की फायरिंग में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी. जबकि चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. इनमें से जानकी नगर के निवासी लगन यादव को नेपाल पुलिस अपने साथ लेकर चली गई थी. लेकिन सुबह नेपाल पुलिस ने लगन यादव को रिहा कर दिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल पुलिस के द्वारा सीमा पर फायरिंग वाले स्थल पर शुक्रवार की देर रात 1:00 बजे तक भारतीय नागरिकों का हुजूम डटा हुआ था. जेनरेटर की व्यवस्था कर ली गई थी. भारत की ओर से पुलिस प्रशासन और एसएसबी के पदाधिकारी भी वहां कैंप कर रहे थे.
रात 1:00 बजे एसपी सीतामढ़ी अनिल कुमार भी वहां पहुंचे. इसी बीच नेपाल की एपीएफ यानी नेपाली सशस्त्र प्रहरी बल ने बंधक बनाए गए लगन राय को भारतीय पुलिस के हवाले किया. बताया जा रहा है कि इस घटना पर बिहार के सीतामढ़ी के एसपी अनिल कुमार ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.
स्थानीय मुद्दा बताया था और इसका सीमा विवाद से कोई नाता नहीं
रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए लगन राय नाम के व्यक्ति की रिहाई के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार और नेपाल अथॉरिटी के संपर्क की भी बात सामने आई थी. वहीं, सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा और एसपी अनिल कुमार ने इसे स्थानीय मुद्दा बताया था और इसका सीमा विवाद से कोई नाता न होने की बात कही थी.
इस घटना में नेपाल पुलिस ने 18 राउंड फायरिंग की थी. घटना से पहले भी दो बार नेपाल पुलिस ने लोगों को खदेड़ा था, जबकि तीसरी बार भारतीयों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें पांच लोगों की गोली लग गई थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी. वहीं, नेपाली पुलिस बल की गोली से मृत विकेश यादव के शव को भारत-नेपाल सीमा पर रखकर ग्रामीणों ने विरोध जताया था.
ग्रामीण नेपाली पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए लगन यादव को छोड़ने और गोली चलाने वाले पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. इसके बाद आज सुबह लगन यादव को जब नेपाल पुलिस ने रिहा कर दिया, उसके बाद मृत विकेश यादव का अंतिम संस्कार किया गया.
नेपाल की ओर से की गई कार्रवाई से हर कोई हतप्रभ
ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से दोनों देश के लोग आते-जाते रहे है. लेकिन आज नेपाल की ओर से की गई कार्रवाई से हर कोई हतप्रभ है. इस तरह की घटना यहां कभी नहीं हुई थी. लोगों ने बताया कि यह कार्रवाई पूर्वाग्रह से ग्रसित है. वहीं, बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के खतरे को लेकर नेपाल और भारत के बॉर्डर को सील कर दिया गया है, जिसकी वजह से लोगों की आवाजाही बंद है.
ऐसे में बंधक व्यक्ति अपने बेटे के साथ अपनी रिश्तेदार से मिलने बॉर्डर पर चले गए. नेपाली पुलिस ने उन्हें जाने के लिए कहा, लेकिन बंधक बनाए व्यक्ति ने थोडे़ देर के लिए मोहलत मांगी तो नेपाली पुलिस पीटने लगे. जिसके बाद वहा पर देखते ही देखते काफी लोग जुट गए फिर नेपाली पुलिस ने गोली चलानी शुरु कर दी. इसबीच, तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने पुलिस व एसएसबी के अधिकारियों को सीमा के हालात पर नजर रखने को कहा है. सीमा सील होने से दोनों देशों के बीच आवाजाही बंद है.
We ran to return to India when they started firing,but they dragged me from Indian side,hit me with rifle butt&took me to Nepal's Sangrampur. They told me to confess that I was brought there from Nepal. I told them you can kill me but I was brought there from India: Lagan Kishore https://t.co/NgTmUXK9thpic.twitter.com/jJLqkDuPMi
— ANI (@ANI) June 13, 2020