कोविड-19 संकट के बीच भारतीयों ने एक दूसरे की मदद के लिए बढ़ाया हाथ

By भाषा | Updated: April 28, 2021 17:36 IST2021-04-28T17:36:59+5:302021-04-28T17:36:59+5:30

Indians extended their hand to help each other amid the Kovid-19 crisis | कोविड-19 संकट के बीच भारतीयों ने एक दूसरे की मदद के लिए बढ़ाया हाथ

कोविड-19 संकट के बीच भारतीयों ने एक दूसरे की मदद के लिए बढ़ाया हाथ

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल कहावत है कि संकट के घने बादल के बीच भी उम्मीद की किरण होती है और यह सच होती भी नजर आ रही है। महामारी की वजह से आए स्वास्थ्य संकट के बीच ऐसे तमाम लोग हैं जो दया व सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं और बीमारों को खाने से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर एवं दवा तक मुहैया करा रहे हैं।

भारत में एक दिन में आने वाले मामलों में वृद्धि हुई है और 3.5 लाख नए मामले आए है जिसकी वजह से संक्रमितों को एकांतवास में रहना पड़ रहा है। ऐसे मुश्किल समय में कभी पड़ोसी तो कभी अज्ञात लोग सोशल मीडिया के जरिये ऐसे लोगों तक पहुंच रहे हैं और बिना किसी स्वार्थ के मदद पहुंचा रहे हैं।

लोग संक्रमितों को घर में बना खाना पहुंचा रहे हैं। कई संगठन और लोग भी ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर जैसी सामग्री पहुंचाने को आगे आए हैं।

ऐसे ही लोगों में चेन्नई की रहने वाली रामा पार्थसारथी हैं जो 14 अप्रैल से ही अपने शहर में ऐसे लोगों को घर का बना पौष्टिक खाना पहुंचा रही हैं जिनका पूरा परिवार संक्रमित है और स्वयं खाना बनाने की स्थिति में नहीं है।

61 वर्षीय पार्थसारथी दुंजो या पोर्टर पोर्टल के माध्यम से पौष्टिक खाना बहुत ही मामूली कीमत पर भेज रही हैं।

पार्थसारथी ने बताया कि उन्हें प्रेरणा तब मिली जब उनके बेटे अरविंद के दोस्त ने उनसे कहा कि क्या वह खाना मुहैया करा सकती है क्योंकि उसका परिवार पृथकवास में है और स्वयं खाना पकाने में असमर्थ हैं।

चेन्नई से चंडीगढ़ तक पूरे देश में ऐसे लोग मिल जाएंगे जो संकट की इस घड़ी में निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। वाट्सऐप, ट्विटर और सोशल मीडिया मंच पर ऐसे तमाम किचन दिख जाएंगे जो कोविड-19 पीड़ितों को मुफ्त में या मामूल कीमत पर खाना मुहैया करा रहे हैं।

कई सोसाइटी में सामुदायिक रसोईघर खोले गए हैं। मुंबई और गोरेगांव सहित कई इलाकों में पड़ोसियों ने पाली बांधी है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि परिसर में पृथकवास में रह रहे लोगों को समय से एवं पौष्टिक खाना मिल सके।

मदद विभिन्न स्वरूप एवं आकार में पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे ही मददगारों में लखनऊ में ई-रिक्शा चलाने वाले 45 वर्षीय गोपी हैं जिनका धंधा नहीं चल रहा है लेकिन वह शिवाजी नगर में उन लोगों को दूध, अखबार और सब्जी के साथ दवाएं एवं मेडिकल रिपोर्ट भी पहुंचाने में व्यस्त हैं जो घर से निकल नहीं सकते।

नोएडा की रहने वाली कार्यकर्ता किरण वर्मा ने इस महीने की शुरुआत में ट्विटर और फेसबुक पोस्ट डाल कर कहा कि उनके पास अच्छी हालत में मारुति सुजुकी इस्टीम है और अगर कोई व्यक्ति रक्त या प्लाजमा दान करने के लिए एनसीआर में यात्रा करने में परेशानी का सामना कर रहा है या उसे अच्छा खाना नहीं मिल रहा है तो मैं वादा करती हूं कि आपको सुरक्षित ब्लड बैंक पहुंचाऊंगी और खाना घर पर उपलब्ध होगा।’’

चंडीगढ़ में गुरु का लंगर नेत्र अस्पताल के न्यासी एच सभरवाल ने बताया कि गृह पृथकवास में रह रहे कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन सांद्रक मशीन और ऑक्सीमीटर मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी में हम जरूरतमंदों की सेवा करना चाहते हैं।’’

चंडीगढ़ से सैकड़ों मील दूर कोलकाता में पर्वतारोही सत्यरूप सिद्धांत और मॉडल मधाबिलता मित्रा उन लोगों में शामिल हैं जो पश्चिम बंगाल में कोविड-19 मरीजों की मदद कर रहे हैं।

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Web Title: Indians extended their hand to help each other amid the Kovid-19 crisis

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