सेना से रिटायर होकर गांव लौटे भारतीय सैनिक का जबर्दस्त स्वागत
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 1, 2018 07:34 PM2018-04-01T19:34:53+5:302018-04-01T19:34:53+5:30
मध्य प्रदेश के लोगों ने भारतीय सैनिकों को लेकर एक नया चलन शुरू किया है।
बालाघाट, 01अप्रैल (सुधीर शर्मा): देश की सीमाओं पर अपनी जान हथेली में रखकर भारतवर्ष तथा भारतियों की रक्षा करने वाले वीर जवानों के परिवार वालों को हमेशा एक अजीब डर रहता है। वह हमेशा इस बात से डरते है कि कहीं सीमा पर तैनात सैनिक (किसी का बेटा, पिता, पति) दुश्मन की गोली का शिकार ना हो जाए। लेकिन वहीं सैनिक जब अपनी सेवाएं पूरी कर अपने घर और गांव वापस लौटता है तो परिवार, दोस्त, संबंधी, नाते-रिश्तेदारों की खुशियों को ठिकाना ही नहीं रहता है।
रविवार को ऐसा ही दृश्य शाम को मध्य प्रदेश के लखनवाड़ा रेलवे स्टेशन में उस वक्त नजर आया जब महार रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए शिवशंकर धमगाहे ने लखनवाड़ा की जमीन पर अपने कदम रखें। उनके कदम रखते ही उनके गांव वालों ने उन्हें उठा लिया और अपने गले से लगा लिया। इसके बाद आतिशबाजी और फुल-मालाओं से उनका जबरदस्त स्वागत किया गया। वहीं ढोल-नगाड़े के साथ एक भव्य जुलूस निकालकर बालाघाट जिले की कटंगी तहसील के गृहग्राम वरूड़ तक पहुंचाया।
शिवशंकर दमगाहे ने वर्ष 2002 में भारतीय सेना ज्वाइन की थी। कमांडो ट्रेनिग प्राप्त कर चुके शिवशंकर लेह-लद्दाख, जम्मू कश्मीर जैसी सीमाओं में तैनात रहे। उन्होनें 30 राष्ट्रीय रायफल भी संभाली, भारतीय सेना में रहते हुए उन्होनें आंतकी हमलों का सामना किया। और 15 साल का सेवाकाल पुरा होने के बाद 13 महार रेंजीमेंट में रहते हुए सेवानिवृत्त हुए। शिवशंकर रिटायर होने के बाद भी देश सेवा ही करना चाहते है। क्षेत्र के ग्राम वरूड़ निवासी भारतीय सेना में कार्यरत सैनिक के सकुशल सेवानिवृत्त होकर गांव लौटने पर गांववासियों ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया।
नगला नाथू निवासी वीरेंद्र फौजदार ने बताया कि भारतीय सेना में 15 साल सेवा करने के बाद अपनी सुखद सेवानिवृत्ति पर प्रथम बार गांव पहुंचे। सैनिक शिवशंकर का ग्रामीणों ने माल्यार्पण कर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया तथा सैनिक ने ग्रामीणों का आभार जताते हुए अपने सेना के अनुभवों को सबसे के साथ साझा किया तथा गांव के नौजवानों से भारतीय सेना में जाकर भारत माता की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।