नई दिल्लीः रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे अपनी मौजूदा परिवर्तनकारी पहलों के साथ आने वाले 5-6 वर्षों में ‘‘अत्यधिक लाभदायक’’ होगी। केंद्रीय मंत्री ने भरोसा जताया किया कि आने वाले वर्षों में रेलवे के पास ‘‘शानदार’’ व्यावसायिक अवसर होंगे।
रेलगाड़ी में जनरल क्लास की बोगी अब इतिहास के पन्नों की बात हो जाएगी। रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों में सामान्य डिब्बों को एसी डिब्बों में बदलने का विकल्प तलाश रहा है। ताकि उन यात्रियों को आरामदायक सवारी प्रदान की जा सके, जो अधिक किराया नहीं दे सकते।
सूत्रों ने बताया कि इन डिब्बों में 100-120 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी और इसलिए किराया काफी कम होगा, ताकि आम लोग इन डिब्बों में यात्रा कर सकें। ये डिब्बे पूरी तरह से आरक्षित होंगे और इनमें स्वत: बंद होने वाले दरवाजे होंगे। रेल मंत्रालय में इस योजना पर मंथन सत्र शुरू हो गया है। पहले एसी जनरल क्लास के कोच का निर्माण पंजाब के कपूरथला में रेलवे कोच फैक्ट्री में किए जाने की संभावना है।
हालांकि राजधानी, शताब्दी और वंदे भारत जैसी प्रमुख ट्रेनों को छोड़कर सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में कोविड -19 महामारी से पहले अनारक्षित सामान्य डिब्बे थे, अब ऐसे सभी कोच आरक्षित डिब्बों के रूप में चलते हैं। 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से भाग सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि अगर आम यात्रियों को किफायती किराए पर एसी कोच में आराम से सवारी मिल सके तो यह रेलवे की प्राथमिकता होनी चाहिए। हाल ही में, रेलवे ने स्लीपर क्लास के डिब्बों में यात्रा करने का विकल्प चुनने वाले यात्रियों के लिए एसी -3 टियर से कम किराए वाले एसी इकोनॉमी क्लास के डिब्बे पेश किए। इसने एक ऑल-एसी इकोनॉमी ट्रेन की पहली सेवा भी शुरू की।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कहा था कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के विजन के साथ, जो परिवर्तन हो रहे हैं, और जो होने वाले हैं... उसके चलते आने वाले 5-6 वर्षों में रेलवे अत्यधिक लाभदायक होगी। उन्होंने कहा कि रेलवे के पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार होगा और ग्राहकों का अनुभव भी बेहतर होगा। भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति पर उन्होंने कहा कि इसकी बैलेंस शीट काफी हद तक मालभाड़े पर निर्भर करती है।
वैष्णव ने कहा, ‘‘जिस तरह के माल को हम संभालते हैं, उसे पूरी तरह से बदलना होगा। हमें खुदरा माल प्राप्त करने पर ध्यान देना चाहिए जो छोटे उद्योगों के लिए है, छोटे व्यवसायों के लिए, रांची में रहने वाले किसी आदिवासी के लिए, जो दिल्ली में बैठे किसी व्यक्ति को सामान भेजना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में रेलवे ने समय की पाबंदी, स्वच्छता और यात्रियों को अच्छी सेवाएं देने जैसे मानकों में उल्लेखनीय सुधार देखा है।