भारतीय रेलवे करने जा रहा है बड़ा बदलाव, दूरी वाले मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से हटाए जाएंगे सभी स्लीपर कोच

By विनीत कुमार | Published: October 11, 2020 12:33 PM2020-10-11T12:33:31+5:302020-10-11T12:33:31+5:30

भारतीय रेलवे अगले कुछ वर्षों में लंबी दूरी की सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर कोच हटा देगा। इन ट्रेनों में एसी कोच लगाए जाएंगे। नए कोच के परीक्षण का काम भी शुरू हो गया है।

Indian Railways big changes, all sleeper coaches will be removed from mail and express trains | भारतीय रेलवे करने जा रहा है बड़ा बदलाव, दूरी वाले मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से हटाए जाएंगे सभी स्लीपर कोच

लंबी दूसरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर कोच हटाए जाएंगे (फाइल फोटो)

Highlightsलंबी दूरी की सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर कोच हटाए जाएंगे, केवल एसी कोच लगेंगेस्लीपर कोच से ज्यादा होगा इन कोचों का किराया लेकिन मौजूदा एसी कोच के किराये की तुलना में ये कम होगा

भारतीय रेलवे में बड़ा बदलाव आने वाला है। कुछ कुछ धीमी गति की पैसेंजर और लोकल ट्रेनों को छोड़कर, सभी ट्रेनों में केवल वातानुकूलित डिब्बे लगाए जाएंग। रिपोर्ट्स के अनुसार एक नया खाका तैयार किया जा रहा है जिसके तहत लंबी दूरी की ट्रेनों में 72 बर्थ वाले वर्तमान स्लीपर क्लास कोच की जगह 83 बर्थ वाले एसी कोच लगाए जाएंगे।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार नए कोचों के बाद इनका किराया  वर्तमान एसी किराए की तुलना में कम होगा लेकिन मौजूदा स्लीपर क्लास के टिकट से अधिक होगा। रेलवे के कपूरथला कारखाने में बनाया गया नया कोच, अभी परीक्षण की अवस्था में है।

रिपोर्ट के अनुसार रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि स्लीपर से लेकर एसी तक की नीति में बदलाव रेलवे की योजना गोल्डन क्वॉड्रीलैटरल सेक्शन में 2023 तक 1900 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटे और फिर इसे 2025 तक 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने तक की योजना से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि इसका मकसदन यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने का है।

उन्होंने कहा, 'एक बार जब सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की रफ्तार से चलने लगेंगे तो गैर-एसी कोच हवा और धूल की वजह से तकनीकी और अन्य समस्याएं पैदा करेंगे। इसलिए, हम धीरे-धीरे लगभग 1,900 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में सभी गैर-एसी कोचों को खत्म कर देंगे। यह एक बड़ा काम है और इसलिए हम इसे चरणबद्ध तरीके से करेंगे।'

उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में आठ मौजूदा उत्पादन इकाइयों का विलय और हाईस्पीड कोचों के निर्माण के लिए क्षमताओं को बढ़ाने पर भी काम जारी है। साथ ही उन्होंने बताया कि एल्यूमीनियम आधारित हल्के ट्रेन प्रोटोटाइप का इस्तेमाल वंदे भारत एक्सप्रेस में इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके साथ ही रायबरेली में मॉडर्न कोच फैक्ट्री में इसके निर्माण की शुरुआत भी हो चुकी है।

Web Title: Indian Railways big changes, all sleeper coaches will be removed from mail and express trains

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