Indian Railway: रेल में सफर और सुरक्षित!, अब 'कवच' से सुरक्षा, मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे निरीक्षण, जानें रेलवे का क्या है ये सिस्टम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 3, 2022 21:23 IST2022-03-03T21:21:35+5:302022-03-03T21:23:16+5:30

Indian Railway: वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना है।

Indian Railway Travel in rail safe kavach technique save accident Minister Ashwini Vaishnav inspect what is system railways | Indian Railway: रेल में सफर और सुरक्षित!, अब 'कवच' से सुरक्षा, मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे निरीक्षण, जानें रेलवे का क्या है ये सिस्टम

कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर भी लगाने की योजना है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 3000 किलोमीटर है। 

Highlightsकवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अनुमोदित किया गया है।कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा।अब तक कवच को 1098 किलोमीटर मार्ग पर लगाया गया है।

Indian Railway: स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का परीक्षण चार मार्च को सिकंदराबाद में किया जायेगा जिसमें दो ट्रेन पूरी गति के साथ विपरीत दिशा से एक दूसरे की तरफ बढ़ेंगी।

रेलवे के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एक ट्रेन में रेल मंत्री सवार होंगे, तो दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मौजूद रहेंगे, लेकिन ‘कवच’ के कारण ये दोनों ट्रेन टकराएंगी नहीं। 'कवच' को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

‘शून्य दुर्घटना’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली का निर्माण किया गया। कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी।

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस डिजिटल प्रणाली के कारण मानवी त्रुटियों जैसे कि लाल सिग्नल को नजरअंदाज करने या किसी अन्य खराबी पर ट्रेन स्वत: रुक जायेगी। अधिकारियों ने कहा कि कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपये है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनतनगर-शंकरपल्ली मार्ग पर सिस्टम के परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए सिकंदराबाद पहुंचेंगे।

अधिकारी ने कहा, ‘‘रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष चार मार्च को होने वाले परीक्षण में भाग लेंगे। हम दिखाएंगे कि टक्कर सुरक्षा प्रणाली तीन स्थितियों में कैसे काम करती है - आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर और खतरे का संकेत मिलने पर। ‘कवच’ प्रणाली में उच्च आवृत्ति के रेडियो संचार का उपयोग किया जाता है।

अधिकारियों के मुताबिक कवच एसआईएल -4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप है जो किसी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। एक बार इस प्रणाली का शुभारंभ हो जाने पर पांच किलोमीटर की सीमा के भीतर की सभी ट्रेन बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जायेंगी।

कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अनुमोदित किया गया है। वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना है। दक्षिण मध्य रेलवे की जारी परियोजनाओं में अब तक कवच को 1098 किलोमीटर मार्ग पर लगाया गया है। कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर भी लगाने की योजना है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 3000 किलोमीटर है। 

Web Title: Indian Railway Travel in rail safe kavach technique save accident Minister Ashwini Vaishnav inspect what is system railways

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