2.5 लाख करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं बढ़ी रफ्तार, क्या 55 किमी प्रति घंटा चलने वाली ट्रेनों को 'सुपरफास्ट' कह सकते हैं, कैग रिपोर्ट में खुलासा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2022 10:37 PM2022-04-07T22:37:44+5:302022-04-07T22:38:59+5:30

भारतीय रेलवे ने मई 2007 में फैसला किया था कि यदि कोई रेलगाड़ी औसतन ब्रॉड गेज पर न्यूनतम 55 किमी प्रति घंटे और मीटर गेज पर 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, तो उसे ‘सुपरफास्ट’ माना जाएगा।

indian railway superfast train speed not increase spend 2-5 lakh crores running 55 kmph be called 'superfast' CAG report  | 2.5 लाख करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं बढ़ी रफ्तार, क्या 55 किमी प्रति घंटा चलने वाली ट्रेनों को 'सुपरफास्ट' कह सकते हैं, कैग रिपोर्ट में खुलासा

ऑडिट में पाया गया कि भारतीय रेलवे की 478 सुपरफास्ट रेलगाड़ियों में 123 सुपरफास्ट रेलगाडियों की निर्धारित गति 55 किमी प्रति घंटे से कम थी।

Highlightsरेलगाड़ियों की औसत गति 55 किमी प्रति घंटे से अधिक होनी चाहिए।सुपरफास्ट के रूप में वर्गीकृत 123 रेलगाड़ियां ऐसी हैं। 2007 से रेलगाड़ियों को ‘सुपरफास्ट’ के रूप में वर्गीकृत करने के मानक में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

नई दिल्लीः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि रेलगाड़ियों को ‘सुपरफास्ट’ के रूप में वर्गीकृत करने के लिए 55 किलोमीटर प्रति घंटे का मानक काफी कम है, जबकि कई ऐसी रेलगाड़ियां न्यूनतम गति से भी कम रफ्तार से चलती हैं। 2.5 लाख करोड़ खर्च करने के बाद हाल बुरा है।

 

भारतीय रेलवे ने मई 2007 में फैसला किया था कि यदि कोई रेलगाड़ी औसतन ब्रॉड गेज पर न्यूनतम 55 किमी प्रति घंटे और मीटर गेज पर 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, तो उसे ‘सुपरफास्ट’ माना जाएगा। पिछले साल नवंबर में रेलवे ने सेवाओं को ‘सुपरफास्ट’ के रूप में वर्गीकृत करने की मौजूदा नीति के संबंध में कहा था कि ऐसी रेलगाड़ियों की औसत गति 55 किमी प्रति घंटे से अधिक होनी चाहिए।

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘इस बात का कोई जवाब नहीं है कि सुपरफास्ट के रूप में वर्गीकृत 123 रेलगाड़ियां ऐसी हैं, जिन्हें वास्तव में मौजूदा नीति के तहत तय की गई 55 किमी प्रति घंटे से कम की औसत गति से चलने के लिए निर्धारित किया गया था।’’ रिपोर्ट के अनुसार रेलगाड़ियों को सुपरफास्ट के रूप में वर्गीकृत करने के लिए 55 किमी प्रति घंटे का मानक अपने आप में कम है।

कैग ने आगे कहा कि 2007 से रेलगाड़ियों को ‘सुपरफास्ट’ के रूप में वर्गीकृत करने के मानक में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘ऑडिट में पाया गया कि भारतीय रेलवे की 478 सुपरफास्ट रेलगाड़ियों में 123 सुपरफास्ट रेलगाडियों की निर्धारित गति 55 किमी प्रति घंटे से कम थी।’’

कैग ने अपने ऑडिट में यह भी पाया कि औसत गति में थोड़ा सुधार के बीच पिछले कुछ साल में रेलगाडियों के यात्रा समय में वृद्धि हुई है और कुल समयपालन में गिरावट आई है। कैग द्वारा शिकायत प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा से पता चला कि भारतीय रेलवे में समयपालन के बारे में शिकायतों की संख्या तेजी से बढ़ी है। 

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