ट्रेन में सफर और शानदार, कंटेंट ऑन डिमांड सेवा इस माह से शुरू, देख सकेंगे फिल्म और वीडियो, जानिए और सुविधाएं
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 4, 2021 08:06 PM2021-03-04T20:06:08+5:302021-03-04T20:07:39+5:30
भारतीय रेलवे ने दैनिक और जनरल यात्रियों को लिए बड़ी राहत देते हुए मोबाइल ऐप से टिकट बुक करने की सर्विस फिर से शुरू कर दी है।
नई दिल्लीः रेलवे यात्रियों के लिए 2021 से रेल का सफर और मनोरंजक होने जा रहा है। ट्रेनों में बहुप्रतीक्षित कंटेंट ऑन डिमांड (सीओडी) सेवा मार्च 2021 से शुरू की जाएगी।
रेलवे पीएसयू रेलटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सेवा के तहत चलती ट्रेनों में पहले से लोड की गई बहुभाषी सामग्री के जरिए इन्फोटेनमेंट (ज्ञानरंजन) प्रदान किया जायेगा जिसमें फिल्में, समाचार, संगीत वीडियो और सामान्य मनोरंजन शामिल होंगे।
रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने कहा कि बफर-फ्री सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए मीडिया सर्वर को डिब्बों के अंदर लगाया जाएगा। यात्री निजी उपकरणों में उच्च गुणवत्ता वाले बफर-फ्री स्ट्रीमिंग का आनंद ले सकेंगे और समय-समय पर सामग्री अपडेट होती जाएगी।
इस सेवा को 5,723 उपनगरीय ट्रेनों सहित 8,731 ट्रेनों और वाई-फाई से लैस 5,952 से अधिक स्टेशनों पर चालू किया जाएगा। पश्चिमी रेलवे में एक राजधानी ट्रेन और एक एसी उपनगरीय ट्रेन में पायलट परियोजना कार्य पूरा होने और परीक्षण के अंतिम चरण में है। इसमें रेलवे और रेलटेल का राजस्व हिस्सेदारी 50:50 प्रतिशत है जिसमें पीएसयू को इस परियोजना से कम से कम 60 करोड़ रुपये की वार्षिक राजस्व की उम्मीद है।
पश्चिमी रेलवे की लोकल ट्रेनों के लिए आधुनिक संचार प्रणाली की शुरुआत
भारतीय रेलवे में पहली बार एक परिष्कृत संचार प्रणाली यहां शुरू की गई जो नियंत्रण कक्ष और पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यूआर) की उपनगरीय ट्रेनों के गार्ड और मोटरमैन को निर्बाध संचार में सक्षम बनाएगी। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
डब्ल्यूआर के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर मोबाइल रेडियो ट्रेन कम्युनिकेशन (एमआरटीसी) शुरू करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘जैसे आकाश में उड़ने वाली उड़ानें हवाई यातायात नियंत्रण के साथ निरंतर संपर्क में रहती हैं, वैसे ही यह नई प्रणाली मोटरमैन और गार्डों को रेलवे नियंत्रण कक्ष के साथ सीधे संपर्क में रहने में मदद करेगी।’’
कंसल ने कहा कि पहली बार भारतीय रेलवे में एमआरटीसी प्रणाली शुरू की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना को 2014 में मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन इसमें विभिन्न कारणों से कम से कम तीन साल की देरी हुई, जिसमें विभिन्न अनुमोदन और लाइसेंस प्राप्त करना शामिल था।।’’