भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने पाकिस्तान एनएसए जांजुआ से थाईलैंड में की "गुप्त" बैठक: मीडिया रिपोर्ट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 1, 2018 03:50 PM2018-01-01T15:50:48+5:302018-01-01T15:51:21+5:30
रिपोर्ट के अनुसार ये बैठक क्रिसमस के ठीक एक दिन बाद थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकार के हवाले से दावा किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने थाईलैंड में एक "गुप्त" बैठक की। इंडियन एक्सप्रेस ने एक पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से दावा किया कि भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नासिर खान जांजुआ ने 26 दिसंबर को बैंकॉक में ये बैठक की। पाकिस्तानी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर ये जानकारी दी। भारतीय अधिकारियों ने इंडिय एक्सप्रेस को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
अखबार को जानकारी देना वाले पाकिस्तानी अधिकारी को बैठक की मालूमात है। अधिकारी के अनुसार अजीत डोभाल का रुख बैठक में दोस्ताना और गर्मजोशी भरा था। अधिकारी ने बताया कि बैठक के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस लाभदायक बताते हुए भविष्य के कूटनीतिक रिश्तों की दिशा में उल्लेखनीय पहल बताया।
दोनों देशों के एनएसए के बीच ये बैठक भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूष जाधव की पत्नी और माँ के उनसे पाकिस्तान में मुलाकात करने के बाद हुई है। पाकिस्तानी ने जेल में बंद जाधव पर जासूसी का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी अदालत जाधव को मौत की सजा भी सुना चुकी है। भारत साफ कर चुका है कि जाधव का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं। भारत सरकार ने साफ किया कि जाधव का पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने ईरान से अपहरण किया था।
पाकिस्तान ने कहा था कि वो मानवता के आधार पर जाधव के परिजनों को उनसे मिलने दे रहा है। जाधव के परिजनों से मुलाकात के बाद भी दोनों देशों के बीच तल्ख बयानबाजियां हुईं। भारत ने जाधव की माँ और पत्नी से बिंदी और चूड़ी उतरवाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। रिपोर्ट के अनुसार जाधव की माँ और पत्नी को उनसे मराठी में बात नहीं करने दी गयी।
जाधव को दी गयी फांसी की सजा के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी। मई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। पिछले कुछ सालों में कश्मीर में घुसपैठ, पत्थरबाजों को पाकिस्तानी मदद, कश्मीरी अलगाववादियों को पाकिस्तानी मदद और आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते नरम-गरम रहे हैं।