नौसेना की बढ़ेगी ताकत, नेवी में शामिल होने जा रहा देशी विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ, जानें इसकी खासियत

By सत्या द्विवेदी | Updated: December 17, 2022 11:08 IST2022-12-17T11:08:05+5:302022-12-17T11:08:05+5:30

सभी तकनीकी सुविधाओं से लैस, स्वदेश निर्मित विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ, भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है।

Indian Navy is working on becoming self-sufficient destroyer warship Mormugao will join Navy | नौसेना की बढ़ेगी ताकत, नेवी में शामिल होने जा रहा देशी विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ, जानें इसकी खासियत

नौसेना की बढ़ेगी ताकत, नेवी में शामिल होने जा रहा देशी विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ, जानें इसकी खासियत

Highlights भारतीय नौसेना में शामिल होगा विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ।स्वदेश निर्मित है 'मोरमुगाओ' युद्धपोत।भारत में बने सबसे घातक युद्धपोतों में से एक है 'मोरमुगाओ'।

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 दिसंबर को स्वदेश निर्मित P15B स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत 'मोरमुगाओ' को भारतीय नौसेना को समर्पित करेंगे। मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में इसे शामिल किया जाएगा। इससे भारतीय नौसेना की हिंद महासागर में पहुंच बढ़ेगी और देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और तगड़ी होगी। 

युद्धपोत 'मोरमुगाओ' की खासियत 

भारतीय नौसेना के अनुसार, आईएनएस मोरमुगाओ ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इसमें इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार लगा है, जो हवा में लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा सकता है। 127 मिलीमीटर गन से लैस आईएनएस मोरमुगाओ 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। इस पर एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम लगा है। साथ ही यह एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर से भी लैस है। यह 7500 टन से ज्यादा वजन का है और डिस्ट्रॉयर श्रेणी में आता है इसकी लंबाई करीब 165 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर है। इसके 75% घटक स्वदेशी हैं जो हथियार और सेंसर लगाए गए हैं ।

आत्मनिर्भर भारत 

इस स्वदेशी युद्धपोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। यह युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध लड़ने में सक्षम है। चार ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के विध्वंसकों में से दूसरे विध्वंसक को नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा। इस युद्ध पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है। पोत 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।  

गौरतलब है कि भारत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दुस्साहस के मद्देनजर हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ा रहा है। मोरमुगाओ की कमीशनिंग ऐसे समय में हुई है जब नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने पर काम कर रही है। चीन समुद्र में अपनी ताकत बढ़ा रहा है। उसके युद्धपोत तेजी से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं जहां युद्ध के लिए तैयार भारतीय युद्धपोत किसी भी असामान्य गतिविधि के लिए चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं।

 

Web Title: Indian Navy is working on becoming self-sufficient destroyer warship Mormugao will join Navy

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