भारतीय न्याय संहिता 2023: संसद में बोले अमित शाह- 'मन अगर भारतीय होगा तो समझ में आएगा, मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा'

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 20, 2023 04:30 PM2023-12-20T16:30:16+5:302023-12-20T16:31:51+5:30

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा। लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा।

Indian Justice Code 2023 Amit Shah in Parliament Law according to the spirit of the Constitution | भारतीय न्याय संहिता 2023: संसद में बोले अमित शाह- 'मन अगर भारतीय होगा तो समझ में आएगा, मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा'

भारतीय न्याय संहिता 2023 को लोकसभा में रखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमिस शाह

Highlightsमॉब लिंचिंग घृणित अपराध है - अमित शाहकानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं - अमित शाहपहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है - अमित शाह

नई दिल्ली:  भारतीय न्याय संहिता 2023 को लोकसभा में रखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमिस शाह ने कहा कि इंडियन पीनल कोड जो जो 1860 में बना था, उसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना था। उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी। गृमंत्री ने कहा कि सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा।

गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। 

मॉब लिंचिंग पर अमित शाह ने कहा "मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।"

गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा, "भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।"

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "राज्य का सबसे पहला कर्तव्य न्याय होता है। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका... लोकतंत्र के तीन स्तंम्भ हैं। हमारे संविधान निर्माताओं ने देश को मजबूत प्रशासन देने के लिए इन तीनों के बीच काम का बंटवारा किया। आज पहली बार ये तीनों मिलकर देश को दंड केंद्रित नहीं, न्याय केंद्रित क्रिमिनल सिस्टम देंगे।"

उन्होंने कहा,  "पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब मोदी जी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं। 150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है। कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा। लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा।"

Web Title: Indian Justice Code 2023 Amit Shah in Parliament Law according to the spirit of the Constitution

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