भारत सरकार को मणिपुर में मिली बड़ी सफलता, UNLF ने समर्पण कर मुख्यधारा में लौटने पर किया समझौता
By आकाश चौरसिया | Published: November 29, 2023 05:48 PM2023-11-29T17:48:17+5:302023-11-29T18:08:02+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि आज उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी संगठन यूएनएलएफ ने आत्सममर्पण करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। इसके तहत उनके लोग अपने हथियार समर्पण करते हुए वीडियो में नजर आ रहे हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मणिपुर के सबसे पुराना उग्रवादी समूह ने आत्मसमर्पण करने को लेकर समझौता नई दिल्ली में किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के उत्तरपूर्व राज्यों में लगातार स्थायी शांति प्रयासों के तहत यह बड़ा कदम है।
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट मणिपुर का सबसे पुराना उग्रवादी संगठन है। संगठन ने मुख्यधारा में लौटने और हिंसा के रास्ते को त्यागने के प्रस्ताव पर हामी भर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "मैं इस कदम पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत स्वागत करता हूं और उन्हें भविष्य में शांति और प्रगति के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"
गृह मंत्रालय द्वारा कई अन्य उग्रवादी संगठनों के साथ यूएनएलएफ पर प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिनों बाद यह शांति समझौता हो पाया। यह निर्णय तब लिया गया जब केंद्र को लगा कि ये संगठन मणिपुर में सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमलों और हत्याओं के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल हैं।
A historic milestone achieved!!!
— Amit Shah (@AmitShah) November 29, 2023
Modi govt’s relentless efforts to establish permanent peace in the Northeast have added a new chapter of fulfilment as the United National Liberation Front (UNLF) signed a peace agreement, today in New Delhi.
UNLF, the oldest valley-based armed… pic.twitter.com/AiAHCRIavy
UNLF क्या है?
24 नवंबर, 1964 को एरियाबम समरेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्थापित, यूएनएलएफ उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है। 70 और 80 के दशक में, संगठन ने मुख्य रूप से लामबंदी और भर्ती पर ध्यान केंद्रित किया। 1990 में, इसने भारत से मणिपुर की 'मुक्ति' के लिए एक सशस्त्र संघर्ष शुरू करने का निर्णय लिया। उसी वर्ष, इसने मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) नामक एक सशस्त्र विंग का गठन किया।