जनरल बिपिन रावत बने देश के पहले CDS, जानिए कैसी होगी वर्दी, कैप और फ्लैग का कलर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 31, 2019 03:40 PM2019-12-31T15:40:01+5:302019-12-31T15:52:28+5:30

मंगलवार को जारी एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई। आदेश के अनुसार इस नए विभाग के तहत तीनों बलों..सेना, नौसेना और वायु सेना से जुड़े कार्य तथा वर्तमान नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप सेवाओं के लिए विशेष खरीद जैसे कार्य आएंगे।

Indian Army: Chief of the Defence Staff(CDS) on assumption of appointment will have his office in South Block. CDS shall have parent Service uniform. | जनरल बिपिन रावत बने देश के पहले CDS, जानिए कैसी होगी वर्दी, कैप और फ्लैग का कलर

जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था।

Highlightsसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया।सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी।

सरकार ने सैन्य मामलों का एक नया विभाग बनाया है जिसके प्रमुख नव नियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत होंगे।

मंगलवार को जारी एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई। आदेश के अनुसार इस नए विभाग के तहत तीनों बलों..सेना, नौसेना और वायु सेना से जुड़े कार्य तथा वर्तमान नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप सेवाओं के लिए विशेष खरीद जैसे कार्य आएंगे।

सीडीएस का ऑफिस साउथ ब्लॉक में होगा और उनकी यूनिफॉर्म पैरंट सर्विस वाली होगी। यानी CDS बनने के बाद भी जनरल बिपिन रावत ऑलिव ग्रीन यूनिफॉर्म में दिखेंगे। CDS की बेसिक यूनिफॉर्म उनकी सर्विस की ही रहेगी, बस उसमें रैंक के बैज और लोगो चेंज होंगे। अगर कभी एयरफोर्स या नेवी से CDS बने तो उनकी बेसिक यूनिफॉर्म भी उनकी सर्विस की ही रहेगी। लोगो और बैच ट्राई सर्विस को दिखाते हैं। सीडीएस का ऑफिस साउथ ब्लॉक में सेकंड फ्लोर पर होगा।

सरकार ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का एक नया विभाग बनाया है और नवनियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत इसके प्रमुख होंगे। मंगलवार को जारी एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई। थल सेना प्रमुख के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके जनरल रावत को सोमवार को देश का पहला सीडीएस नामित किया गया था।

आदेश के अनुसार नए विभाग के पास तीनों सेनाओं - थल सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित कार्य होंगे। इसके अलावा मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार पूंजीगत खरीद को छोड़कर सेवाओं के लिए विशिष्ट खरीद की भी जिम्मेदारी नए विभाग के पास होगी। इस आदेश में कहा गया है कि विभाग संयुक्त और थिएटर कमानों की स्थापना सहित संचालन में सहयोग के जरिए संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए सैन्य कमांड के पुनर्गठन की सुविधा सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा यह संयुक्त योजनाओं और आवश्यकताओं के एकीकरण के जरिए सैन्य सेवाओं में खरीद, प्रशिक्षण और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में समन्वय लाएगा। साथ ही विभाग सेना में स्वदेश निर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत सरकार (कामकाज का आवंटन) नियमावली, 1961 में बदलाव को मंजूरी दे दी और इसके बाद विभाग का गठन किया गया। इस परिवर्तन के बाद रक्षा मंत्रालय के अधीन अब पांच विभाग होंगे।

इन विभागों में रक्षा विभाग, सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग शामिल हैं। सैन्य मामलों के विभाग में रक्षा मंत्रालय का एक एकीकृत मुख्यालय होगा जिसमें थल सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायु मुख्यालय, डिफेंस स्टाफ मुख्यालय और प्रादेशिक सेना शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के सृजन को मंजूरी दी थी।

सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया। सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना और देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करना होगा। सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी।

जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार ने जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने का फैसला किया है जो 31 दिसंबर से आगामी आदेश तक प्रभावी होगा और जनरल रावत की सेवा अवधि 31 दिसंबर से तब तक के लिए बढ़ाई जाती है, जब तक वह सीडीएस कार्यालय में रहेंगे।’’ सरकार द्वारा नियमों में संशोधन करके सेवानिवृत्त की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करने के बाद जनरल रावत तीन साल के लिए सीडीएस के तौर सेवाएं दे सकेंगे।

सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले मंगलवार को सीडीएस का पद बनाए जाने को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा। सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी अभियानों में संयुक्तता लाकर संसाधनों के इष्टतम इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों की पुनर्संरचना करना है। अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस की जिम्मेदारी तीन वर्षों के भीतर तीनों ही सेवाओं के परिचालन, लॉजिस्टिक्‍स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्‍मत एवं रखरखाव इत्‍यादि में संयुक्तता सुनिश्चित करना होगी। जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के तौर पर सैनिक मामलों के विभाग के भी प्रमुख होंगे।

वह तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे। तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और अंतरक्षिण से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होगी। सीडीएस रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और एनएसए की अध्‍यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्‍य होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस पद के सृजन की घोषणा इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी।

Web Title: Indian Army: Chief of the Defence Staff(CDS) on assumption of appointment will have his office in South Block. CDS shall have parent Service uniform.

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