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भारतीय राजदूत ने चीन की सीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी से पूर्वी लद्दाख और द्विपक्षीय संबंधों पर की चर्चा

By भाषा | Updated: August 13, 2020 02:05 IST

सैन्य वार्ता के नये दौर में भारत ने चीनी सैनिकों के यथाशीघ्र पूर्ण रूप से पीछे हटने पर तथा पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में तत्काल पांच मई से पहले वाली स्थिति बहाल करने पर दृढतापूर्वक जोर दिया था।

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ठळक मुद्देभारत के राजदूत ने सीपीसी के अधिकारी के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति और संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की।यह बैठक लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने पर भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता के बीच हुई है।

बीजिंग।चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने बुधवार को यहां देश की सतारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति और संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय विदेश विषय समिति आयोग कार्यालय के उपनिदेशक लिऊ जियांचाओ के साथ मिस्री की यह बैठक पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने पर भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता के बीच हुई है।

भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘राजदूत विक्रम मिस्री ने आज सीपीसी के केंद्रीय विदेश विषय समिति आयोग कार्यालय के उपनिदेशक महामहिम लिऊ जियांचाओ से मुलाकात की और उन्हें पूर्वी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश की सीमा पर स्थिति तथा संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर भारत के रूख के बारे में बताया।’’

बैठक के बारे में और कोई ब्योरा सामने नहीं आया है। सैन्य वार्ता के नये दौर में भारत ने चीनी सैनिकों के यथाशीघ्र पूर्ण रूप से पीछे हटने पर तथा पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में तत्काल पांच मई से पहले वाली स्थिति बहाल करने पर दृढतापूर्वक जोर दिया था। पैगोंग त्सो में दोनों सेनाओं के बीच झड़प के बाद ही पांच मई से गतिरोध शुरू हो गया था।

नई दिल्ली में सूत्रों का कहना है कि चीनी पीपुल्स आर्मी गलवान घाटी और टकराव के अन्य बिंदुओं से पीछे हट गयी लेकिन पैंगोंग त्सो, गोगरा और डेसपांग में फिंगर क्षेत्रों से उसकी वापसी नहीं हुई है जैसे कि भारत की मांग थी। भारत जोर देता रहा है कि चीन फिंगर चार से लेकर आठ तक अपने सैनिकों को पीछे हटाए। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच पांच जुलाई को बातचीत के बाद सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हुई थी।

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