अमेरिका और फ्रांस के बाद रूस के साथ इस ऐतिहासिक डील से चंद कदम दूर है भारत

By विकास कुमार | Published: July 21, 2019 11:30 AM2019-07-21T11:30:10+5:302019-07-21T11:58:44+5:30

इस डील को भारत और रूस के रिश्तों में मील का पत्थर बताया जा रहा है. सितम्बर में होने वाले ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस पर समझौता हो सकता है. फोरम व्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित किया जा रहा है.

India will sign defence logistic share agreement with russia after america and france | अमेरिका और फ्रांस के बाद रूस के साथ इस ऐतिहासिक डील से चंद कदम दूर है भारत

image source- RT.COM

Highlightsभारत और अमेरिका के बीच भी डिफेंस लॉजिस्टिक को साझा करने वाला करार 2018 में हुआ था.फ्रांस के साथ भी इसी तरह की डील साइन की गई थी.एग्रीमेंट के बाद दोनों देश एक दूसरे के नेवी वारशिप का इस्तेमाल कर पाएंगे.

भारत और रूस जल्द ही डिफेंस लॉजिस्टिक को साझा करने वाले डील पर साइन कर सकते हैं. भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जो कोल्ड वॉर के राइवल अमेरिका और रूस के साथ इस तरह की डील पर मुहर लगाएगा. इस डील के तहत युद्ध की स्थिति में दोनों देशों के बीच सैनिक साजो-समान का आदान-प्रदान किया जा सकेगा. 

इस डील को भारत और रूस के रिश्तों में मील का पत्थर बताया जा रहा है. सितम्बर में होने वाले ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस पर समझौता हो सकता है. फोरम व्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित किया जा रहा है. 

डिफेंस लॉजिस्टिक करेंगे साझा 

भारत और अमेरिका के बीच भी डिफेंस लॉजिस्टिक को साझा करने वाला करार 2018 में हुआ था. फ्रांस के साथ भी इसी तरह की डील साइन की गई थी. दुनिया के तीन बड़े महाशक्तियों के साथ होने वाला यह करार भारतीय सेना की ताकत में कई गुना इजाफा करने वाला है. 

इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इस डील से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय नौसेना को होने वाला है. एग्रीमेंट के बाद दोनों देश एक दूसरे के नेवी वारशिप का इस्तेमाल कर पाएंगे तो वहीं, स्पेशल इकॉनोमिक जोन का इस्तेमाल करते हुए एक दूसरे के पोर्ट का इस्तेमाल भी कर पाएंगे. 

नौसेना की बढ़ेगी ताकत 

भारतीय नौसेना रूसी युद्धपोतों की एक महत्वपूर्ण ताकत के साथ, समझौते का उपयोग करके साझा अभ्यास के जरिये अपनी क्षमता में बढ़ोतरी कर पायेगी. भारतीय वायु सेना भी साझा युद्धाभ्यास के लिए अपने एयरक्राफ्ट को ज्यादा आसानी से तैनात कर पायेगी. दोनों देश एक दूसरे के पोर्ट और एयरबेस का इस्तेमाल कर सकेंगे. रूस भारतीय पोर्ट मुंबई और विशाखापत्तनम का एक्सेस आसानी से कर पायेगा. 

भारत और रूस के बीच इस करार के बाद अफगानिस्तान का क्षेत्र भी भारतीय सेना की जद में आ जायेगा जिससे वहां भारतीय सामरिक हितों की रक्षा हो सकेगी. अफगानिस्तान में भारत ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है लेकिन हालिया चल रहे तालिबान-अमेरिका समझौते से पाकिस्तान ने भारत को दूर रखा है. 

Web Title: India will sign defence logistic share agreement with russia after america and france

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे