ऊर्जा अनुबंधों का पालन करेगा भारत, निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं: सीतारमण

By भाषा | Updated: October 14, 2019 16:46 IST2019-10-14T16:46:28+5:302019-10-14T16:46:28+5:30

सीतारमण ने कहा कि कंपनी कानून में संशोधन किए जा रहे हैं ताकि यह सजा (दंड) जैसा नहीं लगे। इसके अलावा बड़े और गंभीर सुधार भी जारी रहेंगे। कच्चे तेल , उसकी आपूर्ति और अन्य मुद्दों जैसी चुनौतियों पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को कच्चे तेल की कीमतों को लेकर लगने वाली अटकलों को देखते हुए अपने विभिन्न प्रकार के ईंधन के दायरे को बढ़ाने की जरूरत है।

India will abide by energy contracts, investors need not worry: Sitharaman | ऊर्जा अनुबंधों का पालन करेगा भारत, निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं: सीतारमण

भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से 2022 तक 1,75,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।

Highlightsसीतारमण ने कहा कि भारत विभिन्न ऊर्जा समझौतों के तहत की गई अपनी अनुबंधात्मक प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह पालन करेगा।वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश के लिए माहौल को अनुकूल बनाया जाएगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत विभिन्न ऊर्जा समझौतों के तहत की गई अपनी अनुबंधात्मक प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह पालन करेगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर निवेशकों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। इंडिया एनर्जी फोरम के सेरावीक सम्मेलन में सीतारमण ने कहा , " मैं अनुबंध प्रतिबद्धताओं का पालन करने की दिशा में उचित चिंताओं को व्यापक रूप से रेखांकित करना चाहती हूं ... एक देश के रूप में हम इसे समझते हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अनुबंध में किये गये वादों का पालन किया जाए। इसलिए उन निवेशकों या लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए जिन्होंने ऊर्जा एवं ऊर्जा सुरक्षा के लिए भारत में क्षमता निर्माण में पहले से निवेश किया है। "

उन्होंने कहा , " हम उन अनिश्चितताओं के बारे में बात कर रहे हैं , जो बनी रहेंगी। लेकिन मैं बिना किसी का पक्ष लिए कह सकती हूं कि जो वादे किये गये हैं उनका पालन किया जाएगा। इसलिए निवेशकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। "

हाल ही में , आंध्र प्रदेश ने सरकारी एजेंसियों भारतीय सौर ऊर्जा निगम (सेकी) और एनटीपीसी से बिजली खरीद समझौतों के तहत उनके द्वारा नीलाम की गई नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की ऊंची दर को कम करने के लिए कहा था। इसके कारण विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से 2022 तक 1,75,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। इसलिए अगले तीन साल में इस लक्ष्य को पाने के लिए देश को भारी निवेश की जरूरत है।

सीतारमण ने कहा , " सरकार निवेश के माहौल को अनुकूल बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी। " उन्होंने कहा कि सरकार न केवल नियामकीय ढांचे को आसान बनाने के लिए काम करेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि आंध्र प्रदेश मामले जैसी घटनाएं दोबारा न हो।

वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश के लिए माहौल को अनुकूल बनाया जाएगा और हमने बिना किसी ' किंतु - परंतु ' के कर को कम किया है। सीतारमण ने कहा कि कंपनी कानून में संशोधन किए जा रहे हैं ताकि यह सजा (दंड) जैसा नहीं लगे। इसके अलावा बड़े और गंभीर सुधार भी जारी रहेंगे। कच्चे तेल , उसकी आपूर्ति और अन्य मुद्दों जैसी चुनौतियों पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को कच्चे तेल की कीमतों को लेकर लगने वाली अटकलों को देखते हुए अपने विभिन्न प्रकार के ईंधन के दायरे को बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार ऊर्जा सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। हालांकि , देश के कई तापीय बिजली संयंत्र कोयले पर चलते हैं। मंत्रालय कोयला आधारित ऊर्जा से नवीकरणीय स्त्रोतों की ओर बढ़ रहा है। इससे पहले , पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीद जताई थी कि प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन (एटीएफ) को शुरू में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाएगा। वर्तमान में पेट्रोल , डीजल , विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस जैसे पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखा गया है और राज्य इन उत्पादों पर बिक्री कर लगाते हैं। 

Web Title: India will abide by energy contracts, investors need not worry: Sitharaman

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