तालिबान से संपर्क साधने की खबरों के बीच अफगानिस्तान में संपूर्ण युद्धविराम का प्रयास कर रहा है भारत

By भाषा | Updated: June 23, 2021 16:14 IST2021-06-23T16:14:57+5:302021-06-23T16:14:57+5:30

India trying total ceasefire in Afghanistan amid reports of links with Taliban | तालिबान से संपर्क साधने की खबरों के बीच अफगानिस्तान में संपूर्ण युद्धविराम का प्रयास कर रहा है भारत

तालिबान से संपर्क साधने की खबरों के बीच अफगानिस्तान में संपूर्ण युद्धविराम का प्रयास कर रहा है भारत

नयी दिल्ली, 23 जून अफगानिस्तान में हिंसा में हुई बढ़ोतरी और तालिबान के साथ भारत के संपर्क साधने की खबरों के बीच हिंदुस्तान वहां संपूर्ण युद्धविराम के लिए प्रयासरत है।

अमेरिकी सैनिकों की 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी की संभावनाओं के बीच भारत के तालिबान से संपर्क साधने की खबर आई थी। अमेरिकी सैनिक लगभग दो दशकों से वहां जमे हुए थे और अब वे वहां से वापसी कर रहे हैं।

अफगान शांति प्रक्रिया में तेजी से हो रही प्रगति के साथ ही कतर के एक वरिष्ठ राजनयिक ने वॉशिंगटन डीसी में सोमवार को अरब सेंटर में आयोजित एक वेबिनार में कहा कि भारतीय पक्ष तालिबान के साथ वार्ता कर रहा है क्योंकि यह समूह अफगानिस्तान के लिए भविष्य में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

कतर की राजधानी दोहा में तालिबान और अफगानिस्तान की सरकार के बीच सीधी वार्ता चल रही है ताकि 19 वर्षों से चल रहे युद्ध को समाप्त किया जा सके। इस युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और देश के विभिन्न हिस्से तबाह हो चुके हैं। अफगान शांति वार्ता में कतर भूमिका निभा रहा है।

आतंकवाद निरोधक और संघर्ष समाधान के लिए कतर के राजदूत मुतलक बिन माजेद-अल-काहतानी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारतीय अधिकारियों का गोपनीय दौरा हुआ है...तालिबान से वार्ता के लिए। क्यों? क्योंकि ऐसा नहीं है कि हर कोई समझ रहा है कि तालिबान का प्रभुत्व होगा और वह कब्जा कर लेगा बल्कि इसलिए कि तालिबान महत्वपूर्ण कारक है या अफगानिस्तान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कारक होने जा रहा है।’’

वह ‘‘अमेरिका-नाटो की वापसी के बाद अफगानिस्तान में शांति’’ विषय पर आयोजित सत्र में एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

अल-काहतानी ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में हर पक्ष के साथ वार्ता या संपर्क के पीछे कुछ कारण हैं लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि इस समय महत्वपूर्ण चरण है और मेरा मानना है कि अगर कोई बैठक होती है तो यह बड़े कारण से होनी चाहिए ताकि सभी पक्षों को शांतिपूर्ण तरीके से अपने मतभेद सुलझाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।’’

कतर के वरिष्ठ राजनयिक की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा से भारत चिंतित है और शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए संपूर्ण युद्धविराम का पक्षधर है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर हाल में कुवैत और केन्या के अपने दौरे में दो बार दोहा में रूके।

दोहा में कतर के नेताओं के साथ वार्ता में अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा हुई क्योंकि खाड़ी देश अफगान शांति प्रक्रिया में शामिल है। जयशंकर ने कतर की राजधानी में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमे खालिलजाद से भी बातचीत की।

इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में विभिन्न पक्षों के संपर्क में है ताकि वहां शांति, विकास और पुनर्निर्माण के दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं को हासिल किया जा सके।

विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने पिछले हफ्ते कहा कि तालिबान हिंसा के माध्यम से सत्ता में आने का लगातार प्रयास कर रहा है और इसने अफगानिस्तान में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है और वर्तमान में वहां की स्थिति ‘‘नाजुक’’ है।

अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता के लिए भारत एक बड़ा पक्ष रहा है। इसने वहां करीब तीन अरब डॉलर का निवेश कर रखा है।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने मार्च में भारत का दौरा किया था जिस दौरान जयशंकर ने उनसे कहा था कि अफगानिस्तान में दीर्घ शांति, संप्रभुता एवं स्थिरता के लिए भारत प्रतिबद्ध है।

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Web Title: India trying total ceasefire in Afghanistan amid reports of links with Taliban

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