WEF gender gap index: स्वास्थ्य व आर्थिक आधार पर लिंग असमानता में 4 रैंक पिछड़ा भारत, पहुंचा 112 वें पर 

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 17, 2019 09:18 IST2019-12-17T09:17:24+5:302019-12-17T09:18:08+5:30

भारत पिछले साल इस मामले में 108 वें स्थान पर था और इस बार 4 स्थान पिछड़ कर 112 वें स्थान पर पहुंच गया है। इस मामले में श्रीलंका (102 वें), नेपाल (101 वें), ब्राजील (92 वां), इंडोनेशिया (85 वां) और बांग्लादेश (50 वां) रैंक पर है।

India slips to 112th rank on WEF’s gender gap index, in bottom 5 on health, economic fronts | WEF gender gap index: स्वास्थ्य व आर्थिक आधार पर लिंग असमानता में 4 रैंक पिछड़ा भारत, पहुंचा 112 वें पर 

WEF gender gap index: स्वास्थ्य व आर्थिक आधार पर लिंग असमानता में 4 रैंक पिछड़ा भारत, पहुंचा 112 वें रैंक पर 

Highlightsरिपोर्ट में यह भी सामने आई है कि आर्थिक अवसर की खाई खराब हो गई है। रिपोर्ट में लिखा है कि सब यदि इसी तरह चला तो 202 वर्षों की तुलना में 257 साल इस चौड़ी खाई को पाटने में लग जाएगी।   क्लाउड कंप्यूटिंग, इंजीनियरिंग और डेटा और एआई जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति और अधिक कराब है।

मंगलवार को एक वार्षिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सामने आई। लिंग असमानता के मामले में आइसलैंड दुनिया का सबसे बेहतर देश है। यहां किसी तरह से लिंग आधारित भेदभाव नहीं है। जबकि भारत पिछले साल इस मामले में 108 वें स्थान पर था और इस बार 4 स्थान पिछड़ कर 112 वें स्थान पर पहुंच गया है। इस मामले में श्रीलंका (102 वें), नेपाल (101 वें), ब्राजील (92 वां), इंडोनेशिया (85 वां) और बांग्लादेश (50 वां) रैंक पर है।

एचटी ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि महिलाओं के स्वास्थ्य, लोगों के जीवनस्तर और आर्थिक भागीदारी के मामले में व्यापक असमानता भारत में देखने को मिलती है। यही वजह है कि रिपोर्ट में भारत लिंगानुपात के मामले में वैश्विक स्तर पर पिछड़ कर 112 वें स्थान पर पहुंच गया है।

रिपोर्ट में इस बात की चर्चा है कि भारत में महिला व पुरुषों के बीच समानता आने में लंबा समय लगने वाला है। यही नहीं देश में शिक्षा,स्वास्थ्य राजनीति जैसे क्षेत्र में देश में लिंग असमानता काफी अधिक है। यह बात और है कि 2018 में इस मामले में स्थिति बेहतर हुई लेकिन इस साल फिर देश इस मामले में पिछड़ गया।  

जेनेवा स्थित सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन WEF ने कहा कि इस वर्ष लिंग अनुपात के मामले में सुधार को काफी हद तक राजनीति में महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है।

आपको बता दें कि रिपोर्ट मुताबिक, यदि देश में इसी रफ्तार में महिलाओं की भागिता बढ़ी तो राजनीतिक लिंग अंतर को खत्म होने में 95 साल लगेंगे, जबकि यही आंकड़ा पिछले साल 107 साल थी।

हालांकि, रिपोर्ट में यह भी सामने आई है कि आर्थिक अवसर की खाई खराब हो गई है। रिपोर्ट में लिखा है कि सब यदि इसी तरह चला तो 202 वर्षों की तुलना में 257 साल इस चौड़ी खाई को पाटने में लग जाएगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अंतर को बंद करने की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है उभरती भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम होना है।  क्लाउड कंप्यूटिंग, इंजीनियरिंग और डेटा और एआई जैसे क्षेत्रों में स्थिति और अधिक कराब है।
 

English summary :
While Iceland remains the world’s most gender-neutral country, India has moved down the ladder from its 108th position last year on the World Economic Forum’s Gender Gap Report to rank below countries like China (106th), Sri Lanka (102nd), Nepal (101st), Brazil (92nd), Indonesia (85th) and Bangladesh (50th).


Web Title: India slips to 112th rank on WEF’s gender gap index, in bottom 5 on health, economic fronts

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