चीन के गलवान घाटी पर दावे को भारत ने बताया गलत, कहा- ड्रैगन बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है दावा

By अनुराग आनंद | Published: June 20, 2020 07:19 PM2020-06-20T19:19:08+5:302020-06-20T19:25:07+5:30

गलवान घाटी पर चीन के विदेश मंत्रालय के दावे को भारत ने पूरी तरह से गलत बताया है।

India said the claim on China's Galvan Valley is wrong, said - Dragon is exaggerating its claim | चीन के गलवान घाटी पर दावे को भारत ने बताया गलत, कहा- ड्रैगन बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है दावा

भारच-चीन सीमा (फाइल फोटो)

Highlightsभारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि गलवान में LAC के लेकर चीन बढ़ा-चढ़ाकर दावा पेश कर रहा है।चीन के विदेश प्रवक्ता ने शनिवार को 8 ट्वीट कर गलवान को चीन का हिस्सा बताया था।भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत काफी पहले से पेट्रोलिंग करता रहा है।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीन व भारत के सीमा पर दोनों देशों के सेना के बीच तनाव जारी है। नरेंद्र मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने चीन के विदेश मंत्रालय के बयान को गलत बताते हुए कहा है कि गलवान घाटी पर हिंदुस्तान का दावा है। विदेश मंत्रालय ने यह भी माना है कि गलवान को लेकर चीन का दावा उसके पहले के रूख के विपरीत है।

इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा है कि गलवान में LAC के लेकर चीन बढ़ा-चढ़ाकर दावा पेश कर रहा है। बता दें कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने  शनिवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करके गलवान घाटी को अपना बताया है। 

इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मई 2020 से चीन की सेना द्वारा भारत के सेना को गलवान क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने के दौरान परेशान किया जा रहा है। इस क्षेत्र में भारत काफी पहले से पेट्रोलिंग करता रहा है। इसके साथ ही मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एलएसी में किसी तरह के चीन द्वारा बदलाव किए जाने के प्रयास को भारत नहीं मानेगा और जरूरी जवाब देगा।

चीन के विदेश प्रवक्ता लिजियान झाओ ने शनिवार को गलवान घाटी को अपना बताया-

भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियान झाओ ने आज (शनिवार) एक के बाद एक 8 ट्वीट कर कहा है कि गलवान घाटी में दोनों देशों के सीमा में हुई झड़प के लिए भारतीय सेना जिम्मेदार है।

यही नहीं अपने ट्वीट में चीन के विदेश मंत्रालय के विदेश प्रवक्ता व दूसरे वरिष्ठ अधिकरियों ने 4 दिन में 5वीं बार दावा किया है कि गलवान घाटी पर चीन का अधिकार है।

इसके साथ ही चीन के विदेश प्रवक्ता ने कहा कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आता है। कई सालों से वहां चीनी गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं। इतना ही नहीं चीन ने यह भी कहा है कि भारतीय सैनिक यहां पर जबरन रोड और ब्रिज बना रहे हैं। 

चीन ने भारतीय सैनिक इस क्षेत्र में नसीहत देते हुए काम रोकने के लिए कहा है। वहीं, भारत सरकार कह रही है कि एलएसी सीमा पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। 

देश की सुरक्षा के लिए खास मायने है गलवान घाटी का 

गलवान वैली को खोने के खतरे का अर्थ ठीक वही है जो करगिल-लेह हाइवे पर कई पहाड़ों पर पाकिस्तानी कब्जे के कारण पैदा हुआ था। तब 1999 में भारत ने करगिल के पहाड़ों से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया था पर इस बार लगता नहीं है कि गलवान वैली के 50 से 60 वर्ग किमी के इलाके पर कब्जा घोषित करने वाली लाल सेना को पीछे धकेला जा सकेगा, जिसकी इस क्षेत्र में मौजूदगी को ‘मान्यता’ देने का अर्थ है कि सामरिक महत्व की दरबुक-शयोक-डीबीओ रोड को चीनी तोपखाने के निशाने पर ले आना।

यह बात अलग है की चीन हमेशा ही लद्दाख सेक्टर में बिना गोली चलाए पहले भी कई बार भारतीय सेना को कई किमी पीछे ‘खदेड़’ चुका है। इस साल मई के पहले हफ्ते में ही चीन ने गलवान वैली पर कब्जे की योजना ठीक उसी प्रकार बना ली थी जिस तरह से वर्ष 1999 में पाकिस्तानी सेना ने करगिल के पहाड़ों पर कब्जा कर लिया था और तब भी मई 1999 में उनसे सामना हुआ था।

सूचनाएं कहती हैं कि चीन ने एलएसी से लेकर भारतीय इलाके में उस स्थान तक कब्जा कर लिया हुआ है जहां पर गलवान नदी के किनारे किनारे सामरिक महत्व की दरबुक-शयोक-डीबीओ रोड भारतीय क्षेत्र में चलती है और इसी रोड का इस्तेमाल भारतीय सेना डीबीओ अर्थात दौलत बेग ओल्डी के अपने सामरिक महत्व के ठिकाने और हवाई पट्टी तक पहुंचने के लिए करती आई है।

Web Title: India said the claim on China's Galvan Valley is wrong, said - Dragon is exaggerating its claim

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