भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियमों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूतों की आलोचना को खारिज किया

By भाषा | Updated: June 20, 2021 21:12 IST2021-06-20T21:12:01+5:302021-06-20T21:12:01+5:30

India rejects criticism of UN special envoys on new information technology rules | भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियमों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूतों की आलोचना को खारिज किया

भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियमों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूतों की आलोचना को खारिज किया

नयी दिल्ली, 20 जून भारत ने सोशल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियमों को लेकर मानवाधिकार मुद्दों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के तीन विशेष दूतों द्वारा की गयी आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि देश की लोकतांत्रिक साख अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है और संविधान के तहत वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी दी गयी है।

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने कड़े शब्दों वाले जवाब में कहा है, ‘‘नए आईटी नियमों के संबंध में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर जतायी गयी चिंताएं बिल्कुल वाजिब नहीं हैं।’’ भारत ने कहा कि ‘‘सोशल मीडिया के साधारण प्रयोक्ताओं को सशक्त’’ बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियम बनाए गए हैं। भारत ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों के कारण व्यापक चिंताओं के चलते नए आईटी नियम लागू करना आवश्यक हो गया था। जवाब में बताया गया कि संसद के उच्च सदन ने सरकार से कई बार कानूनी ढांचे को मजबूत बनाने और सोशल मीडिया मंचों को भारतीय कानून के तहत जवाबदेह बनाने को कहा था तथा व्यापक विचार-विमर्श के बाद नियम तय किए गए।

भारत के उच्चतम न्यायालय ने भी अपने दो निर्णय में सरकार को ऑनलाइन मंचों से बाल ‘पोर्नोग्राफी’ और संबंधित विषयवस्तु को हटाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तय करने को कहा था और यह भी निर्देश दिया था कि ऐसी सामग्री तैयार करने वाले व्यक्तियों, संस्थानों और निकायों का पता लगाने के लिए उचित व्यवस्था तैयार करना अनिवार्य है। भारत ने अपने जवाब में कहा है, ‘‘भारत का स्थायी मिशन यह भी उल्लेख करना चाहेगा कि भारत की लोकतांत्रिक साख अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है। भारतीय संविधान में वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘स्वतंत्र न्यायपालिका और मजबूत मीडिया भारत के लोकतांत्रिक ढांचे का हिस्सा हैं।’’

वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के प्रोत्साहन और संरक्षण पर विशेष दूत, शांतिपूर्ण सभा और एकत्र होने की स्वतंत्रता के अधिकारों पर विशेष दूत तथा निजता के अधिकार पर विशेष दूत ने भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को लेकर चिंताएं जतायी थी। दूतों ने कहा था कि मौजूदा नियम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के अनुरूप नहीं हैं और इसकी विस्तृत समीक्षा के लिए जोर दिया था।

नए नियमों के तहत फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों को नोडल अधिकारियों की नियुक्त करना और ऐसे अभद्र पोस्ट और संदेश हटाने के लिए प्रणाली तय करने की जरूरत है। नए नियमों को लेकर ट्विटर का भारतीय प्राधिकारियों के साथ टकराव चल रहा है। सरकार का आरोप है कि कंपनी ने पिछले महीने अस्तित्व में आए नए कानूनों का पालन नहीं किया है। उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए जवाब में कहा गया कि भारत सरकार निजता के अधिकार को मान्यता देती है और इसका सम्मान करती है।

भारत ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों के कारण व्यापक चिंताओं के चलते नए आईटी नियम लागू करना आवश्यक हो गया था। दुरुपयोग की इन घटनाओं में आतंकियों की भर्ती के लिए प्रलोभन, अश्लील सामग्री का प्रसार, वैमनस्य का प्रसार, वित्तीय धोखाधड़ी, हिंसा, उपद्रव के लिए उकसाना आदि शामिल हैं।

मिशन ने जवाब में कहा है, ‘‘नए नियम सोशल मीडिया के सामान्य प्रयोक्ताओं को सशक्त करने के लिए बनाए गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दुर्व्यवहार के शिकार लोगों के पास उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक मंच होगा। विभिन्न हितधारकों के साथ उचित चर्चा के बाद आईटी नियमों को अंतिम रूप दिया गया।’’ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी भारत के जवाब पर एक बयान जारी किया है।

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Web Title: India rejects criticism of UN special envoys on new information technology rules

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