कोरोना से देश में 40 लाख लोगों की मौत! कोविड मृत्यु दर के आकलन के लिए WHO की पद्धति पर भारत ने उठाए सवाल
By विनीत कुमार | Published: April 17, 2022 07:25 AM2022-04-17T07:25:15+5:302022-04-17T07:30:01+5:30
भारत ने कोरोना से मौतों के आकलन के लिए WHO की ओर से अपनाई गए पद्धति पर सवाल खड़े किए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के बाद भारत की ओर से ये प्रतिक्रिया आई है।
भारत ने देश में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या का आकलन करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की गणितीय मॉडल का इस्तेमाल इतने बड़े भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश के लिए मृत्यु के आंकड़ों का अनुमान लगाने में नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 अप्रैल को प्रकाशित न्यूयॉर्क टाइम्स के ‘भारत वैश्विक कोविड मृतक संख्या सार्वजनिक करने के डब्ल्यूएचओ के प्रयास बाधित कर रहा है’ शीर्षक वाले लेख के जवाब में यह बात कही है।
मंत्रालय ने कहा कि देश ने विश्व स्वास्थ्य निकाय द्वारा अपनायी जाने वाली पद्धति पर कई बार अपनी चिंताएं व्यक्त की है। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘भारत की मूल आपत्ति नतीजे से नहीं रही है बल्कि इसके लिए अपनायी जाने वाली पद्धति से रही है।’
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत ने डब्ल्यूएचओ को लिखे छह पत्रों समेत कई औपचारिक संदेशों के जरिए अन्य सदस्य देशों के साथ इस पद्धति पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स में कोविड मौतों पर क्या छपा था?
रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने 2021 के अंत तक वायरस से संबंधित कुल लगभग 1.5 करोड़ (15 मिलियन) मौतों का अनुमान लगाया है, जो देशों द्वारा रिपोर्ट किए गए आधिकारिक आंकड़ों से दोगुने से अधिक है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डब्ल्यूएचओ के अनुमान से पता चलेगा कि भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम से कम 40 लाख है, जो भारत की ओर से जारी आधिकारिक संख्या का लगभग आठ गुना है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'लेकिन चौंका देने वाला अनुमान जारी करने में भारत की आपत्तियों के कारण महीनों की देरी हुई है, जो इस गणना पर आपत्ति कर रहा है कि उसके कितने नागरिक मारे गए और इसे सार्वजनिक होने से रोकने की कोशिश की गई।'
मंत्रालय के अनुसार भारत के अलावा चीन, बांग्लादेश, ईरान और सीरिया जैसे अन्य सदस्य देशों ने डेटा के अनौपचारिक सेट की कार्यप्रणाली और उपयोग पर सवाल उठाए हैं।
(भाषा इनपुट)