लक्षद्वीप के मिनिकॉय में नया हवाई अड्डा बनाने की तैयारी, लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 9, 2024 04:54 PM2024-01-09T16:54:30+5:302024-01-09T16:55:49+5:30
वर्तमान में लक्षद्वीप समूह में केवल एक हवाई पट्टी है, जो अगत्ती में है। नए हवाई अड्डे के विकास और वर्तमान सुविधाओं के विस्तार के प्रस्ताव को हाल ही में पुनर्जीवित किया गया है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से यह द्वीप क्षेत्र चर्चा और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्यद्वीप दौरे के बाद से ही यह आईलैंड सुर्खियों में है। पीएम मोदी ने लक्ष्यद्वीप को को एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बताया था। लक्षद्वीप के द्वीपों को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए भारत अब वहां मिनिकॉय द्वीप समूह में एक नया हवाई क्षेत्र विकसित करने की योजना बना रहा है। खास बात ये है कि नई हवाई पट्टी वाणिज्यिक विमानों के साथ-साथ लड़ाकू जेट सहित सैन्य विमानों को संचालित करने में सक्षम होगी।
एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार की योजना एक संयुक्त हवाई क्षेत्र बनाने की है जो लड़ाकू जेट, सैन्य परिवहन विमानों और वाणिज्यिक विमानों को संचालित करने में सक्षम होगा। हालांकि पहले भी मिनिकॉय द्वीप समूह में इस नए हवाई क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजे गए हैं। लेकिन संयुक्त उपयोग वाले रक्षा हवाई क्षेत्र की इस योजना को हाल के दिनों में ज्यादा तवज्जो मिली है। इसमें सक्रिय रूप से प्रगति भी की जा रही है।
सैन्य दृष्टिकोण से भी मिनिकॉय द्वीप समूह में बनने वाले नए हवाई क्षेत्र से भारत को फायदा होगा। इसका उपयोग अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र पर नजर रखने के लिए आधार के रूप में किया जा सकता है। बता दें कि भारतीय तटरक्षक बल ने सबसे पहले मिनिकॉय द्वीप समूह में हवाई पट्टी के विकास का सुझाव दिया था। वर्तमान प्रस्ताव के अनुसार, भारतीय वायु सेना मिनिकॉय से ऑपरेशन चलाने में भी सक्षम होगी। मिनिकॉय का हवाई अड्डा रक्षा बलों को अरब सागर में अपने निगरानी क्षेत्र का विस्तार करने की क्षमता भी देगा।
वर्तमान में लक्षद्वीप समूह में केवल एक हवाई पट्टी है, जो अगत्ती में है। नए हवाई अड्डे के विकास और वर्तमान सुविधाओं के विस्तार के प्रस्ताव को हाल ही में पुनर्जीवित किया गया है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से यह द्वीप क्षेत्र चर्चा और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह और ज्यादा सुर्खियों में तब आया जब मालदीव की सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेताओं ने लक्षद्वीप को पर्यटक आकर्षण के रूप में बढ़ावा देने की भारतीय योजनाओं के बारे में भद्दी टिप्पणियां कीं। इसके बाद भारत में बॉयकॉट मॉलदीव ट्रेंड शुरू हो गया। कई जानी मानी हस्तियों ने भी मालदीव को बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस बताते हुए ट्वीट किए और लोगों से भारतीय पर्यटन स्थलों को एक्सप्लोर करने के लिए प्रोत्साहित किया।